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झारखंड कैिबनेट का फैसला: देवघर की नहीं बिकने वाली भूमि का मूल्य तय

रांची : सरकार ने देवघर जिले की अविक्रयशील जमीन का न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर दिया है. बुधवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति बन गयी. धानी-एक का मूल्य 12 लाख 27 हजार 600 रुपये और धानी- दो का मूल्य नौ लाख 20 हजार 700 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है. […]

रांची : सरकार ने देवघर जिले की अविक्रयशील जमीन का न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर दिया है. बुधवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति बन गयी. धानी-एक का मूल्य 12 लाख 27 हजार 600 रुपये और धानी- दो का मूल्य नौ लाख 20 हजार 700 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है. इसी तरह धानी-तीन की कीमत छह लाख 13 हजार 800 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित की गयी है.

बाड़ी-एक की जमीन का मूल्य सात लाख 67 हजार 250 रुपये, बाड़ी- दो की जमीन छह लाख 13 हजार 800 रुपये और आवासीय जमीन का मूल्य 12 लाख 27 हजार 600 रुपये प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है. मूल्य का निर्धारण उपायुक्त
की अनुशंसा के आलोक में किया गया है.
हज हाउस और रवींद्र भवन को प्रशासनिक स्वीकृति : कैबिनेट ने रांची में 65.70 करोड़ की लागत से हज हाउस और 167.03 करोड़ से रवींद्र भवन बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी. नया हज हाउस पुराने हज हाउस के स्थान पर ही बनेगा. कैबिनेट ने सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा के पद पर नियुक्त से संबंधित नियमावली को संशोधित कर दिया. इसके तहत 75 प्रतिशत सीटों को सीधी नियुक्त और 25 प्रतिशत सीटों को सीमित परीक्षा के माध्यम से भरा जायेगा. सीमित परीक्षा में सरकार के वर्ग ‘क’ और ‘ख’ के कर्मचारी शामिल हो सकेंगे. परीक्षा का आयोजन राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा किया जायेगा. कैबिनेट ने जिला खेल पदाधिकारियों के नियुक्ति के लिए बनी नियमावली को भी मंजूरी दे दी.
कैबिनेट के अन्य फैसले
मुख्यमंत्री के सलाहकार रजत सेठी को सचिव के बराबर वेतन भत्ता व सुविधा
जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों का कमीशन 80 रुपये से बढ़ कर 100 रुपये प्रति क्विंटल
हाइकोर्ट में सरकार के विधि पदाधिकारियों को प्रति माह अधिकतम आठ हजार मिलेंगे
78.87 करोड़ की लागत से 30 कॉलेजों को वाई-फाई लगाने के लिए निक्सी को मनोनयन पर काम
जमशेदपुर के देवनगर में 30.67 करोड़ की लागत पर 400 मकान की कुष्ठ कॉलोनी बनेगी
20.23 करोड़ से रांची में इनोवेशन लैब बनेगा
विधायकों, पूर्व विधायकों के कर्ज की सीमा बढ़ी
कैबिनेट ने विधायकों और पूर्व विधायकों को मकान बनाने के लिए दिये जानेवाले कर्ज की सीमा 30 लाख से बढ़ा कर 40 लाख रुपये कर दी है. कर्ज की रकम पर चार प्रतिशत की दर से सूद की वसूली होगी. विधायकों या पूर्व विधायकों को कर्ज और सूद की रकम 20 साल में लौटाने की बाध्यता है. इसकी वसूली वेतन या पेंशन से की जायेगी. विधायकों या पूर्व विधायकों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में सूद की रकम की वसूली नहीं होगी.

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