जितेंद्र सिंह
गढ़वा शहर के रंका मोड़ निवासी अशोक केसरी के पुत्र दिव्यांग सिद्धार्थ केसरी ने भारतीय फिल्म एवं टेलिविजन संस्थान पुणे में उच्च श्रेणी लिपिक की नौकरी हासिल कर यह साबित कर दिया है कि मन में कुछ करने का हौसला हो तो दिव्यांगता आड़े नहीं आती़ सिद्धार्थ बचपन से ही दोनो आंखों से दिव्यांग है़ उसके इस उपलब्धि पर परिवार के साथ-साथ शहर के कई लोगों ने बधाई दी है और तथा सिद्धार्थ के उज्वल भविष्य की कामना की है़.
सिद्धार्थ के पिता अशोक केसरी ने बताया कि सिद्धार्थ की पूरी पढ़ाई लिखाई मुंबई में संपन्न हुआ़ वर्ष 2014 में पढ़ाई पूरी करने के बाद लगातार प्रयास के बाद इस साल उसे भारतीय फिल्म एवं टेलिविजन संस्थान पुणे में उच्च श्रेणी लिपिक की नौकरी मिली़ सिद्धार्थ ने 19 अगस्त 2016 को योगदान दिया़ अशोक केसरी ने बताया कि सिद्धार्थ पढ़ाई के साथ-साथ तैराकी, शतरंज एवं बांसुरी में भी दक्ष है और उसे कई पुरस्कार मिल चुके है़ं सिद्धार्थ की प्रतिभा को देखते हुये वर्ष 2010 में जायंट्रस ग्रुप के मुंबई कन्वेंशन में पद्मश्री नाना चुड़ास्मा एवं फिलम अभिनेत्री रविना टंडन के द्वारा सम्मानित किया गया था़ इसके लिये जायंट्स इंटरनेशनल के स्पेशल किमटी सदस्य विजय केसरी ने सिद्धार्थ को बधाई व शुभकामना दी है़.
इधर सिद्धार्थ के पिता अशोक केसरी ने कहा कि दिव्यांग होते हुये उनके पुत्र ने जो कर दिखाया है उस पर उन्हें गर्व है़ सिद्धार्थ ने परिवार ही नहीं शहर एवं जिले का नाम रौशन किया है़