ललपनिया: केंद्र सरकार से झारखंड में आदिवासी विश्वविद्यालय खोलने की मांग की थी, जिस पर प्रधानमंत्री द्वारा सहमति मिल गयी है. राज्य में जल्द आदिवासी विश्वविद्यालय खोलने का मार्ग प्रशस्त होगा. यह बात सोमवार को राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कही. वे बोकारो के ललपनिया स्थित लुगूबुरू घंटाबाड़ी धर्मगढ़ में संतालियों के 16वां महाधर्म सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं.
इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन भी किया. राज्यपाल ने कहा : संतालियों के लिए ओलचिकी भाषा की पढ़ाई बहुत जरूरी है. यह हमारी संस्कृति से जुड़ी भाषा है. आदिवासियों के जितने भी प्रकार हों, लेकिन उनकी कई चीजें विश्व के लिए अनमोल हैं.
संतालियों का प्रसिद्ध धर्मस्थल
द्रौपदी मुर्मू ने कहा : लुगूबुरु घंटाबाड़ी धर्मगढ़ संतालियों का प्रसिद्ध धर्म स्थल है. संताली समाज अपनी संस्कृति व सभ्यता को सहेज कर रखें. अपनी मिट्टी, अपना धर्म, अपनी भाषा व संस्कृति को बरकार रखें, यही हमारी आस्था का आधार व इतिहास रहा है. राज्यपाल ने कहा कि लुगूधाम संताल समाज के आदिम काल से जुड़ा है. धर्मस्थल के विकास को लेकर खेल व संस्कृति मंत्रालय द्वारा पूर्व में पांच करोड़ रुपये दिये गये हैं, उस राशि से लुगूधाम का विकास किया जायेगा.
जाहेर थान में लगायें फलदार पेड़
द्रौपदी मुरमू ने संतालियों से कहा कि जाहेर स्थान में साल, बबूल, आंवला के पेड़ हैं, वहां फलदार पेड़ को भी लगायें. संताल समाज के लोग काफी सीधे-सादे होते हैं. उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर आयोजकों व व्यस्थापकों को शुभकामनाएं दीं.
लुगू में उत्सव को राज्य स्तरीय दर्जा दिलाया जायेगा : अमर बाउरी
खेल व संस्कृति मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि लुगू बाबा धर्म स्थल में लगने वाले मेला व उत्सव का राज्य स्तरीय दर्जा दिलाया जायेगा. सरकार के समक्ष उसे रखा जायेगा. उन्होंने धर्म स्थल के विकास के लिए सरकार की ओर से 10 लाख रुपये देने की घोषणा की. कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, असम के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पृथ्वी मांझी, घाटशिला विधायक लक्ष्मण टुडू, गोमिया विधायक योगेंद्र महतो, डीआइजी साकेत कुमार सिंह, बोकारो डीसी राय महिमापत रे, एसडीएम कुलदीप चौधरी, टीवीएनएम के एमडी रामवतार साहू उपस्थित थे. समारोह में समिति के अध्यक्ष बबूली सोरेन व सचिव लोबिन मुर्मू ने राज्यपाल को शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया.