रांची:झारखंड के निवर्तमान चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने अपने कार्यकाल के 23 माह के दाैरान जनहित के लगभग दो दर्जन मामलों में स्वत: संज्ञान लिया था. उन्होंने सभी मामलों को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. अधिकतर मामलों की सुनवाई के दाैरान समय-समय पर कोर्ट राज्य सरकार को दिशा-निर्देश देता रहा है. वहीं, कई मामलों में हाइकोर्ट स्वयं मॉनिटरिंग भी कर रहा है.
बाल विवाह निषेध नियमावली, वरिष्ठ नागरिक व बुजुर्ग माता-पिता के भरण-पोषण सहित कई मामलों में पूर्व चीफ जस्टिस श्री सिंह के दवाब पर राज्य सरकार द्वारा नियमावली बना कर राज्य में लागू की गयी है. पुलिस के अत्याचारों से संबंधित कई मामलों में चीफ जस्टिस ने संज्ञान भी लिया आैर राज्य सरकार को मुआवजा भुगतान करने का भी आदेश दिया. राज्य में डायन के नाम पर होनेवाली हत्याअों को शर्मनाक बताते हुए चीफ जस्टिस ने संज्ञान लिया. निजी व पब्लिक स्कूलों में मनमाने तरीके से होनेवाली फीस वृद्धि, बेसमेंट व संकीर्ण जगहों पर बिना नियमों के संचालित प्ले स्कूलों में बच्चों की कठिनाइयों पर भी चीफ जस्टिस श्री सिंह की नजर पड़ी थी. सुनवाई के दाैरान पता चला कि राज्य में प्ले स्कूलों के संचालन के लिए कोई नियम-कानून नहीं है. इस मुद्दे पर सरकार अन्य राज्यों की नियमावली का अध्ययन कर नियमावली का ड्रॉफ्ट तैयार कर चुकी है. कैबिनेट की स्वीकृति के बाद लागू किया जायेगा.
वहीं, राज्य के दो बहुचर्चित कांडों जैसे बोकारो बलात्कार कांड व जमशेदपुर में टाटा वर्कर्स यूनियन के तत्कालीन अध्यक्ष वीजी गोपाल हत्याकांड मामले में चीफ जस्टिस की अध्यक्षतावाली खंडपीठ के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा. चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने सरकार को बोकारो कांड की पीड़िता के पिता को मुआवजा के ताैर पर पांच लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया था. उक्त घटनाअों ने पूर्व में राज्य की विधि-व्यवस्था को हिला कर रख दिया था. इतना ही नहीं राज्य की एक प्रतिभाशाली दिव्यांग छात्रा अनिमा मिंज का मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आधार पर उसे देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज ने नामांकन के लिए चयन कर लिया, लेकिन उसके परिवार के पास इतना पैसा भी नहीं था कि वह नामांकन लेने मुंबई भी जा सके. नामांकन लेना तो दूर की बात थी. जब मामला प्रकाश में आया, तो पूर्व चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने राज्य सरकार को तुरंत छात्रा के पिता को आवश्यक सामानों को उपलब्ध कराने के लिए 50,000 रुपये का भुगतान करने तथा नामांकन शुल्क के रूप में 64,000 रुपये का ड्रॉफ्ट तैयार कर नामांकन सुनिश्चित करने का आदेश दिया था. हाइकोर्ट के आदेश के बाद सरकार की भी नींद खुली. राज्य में बेसहारा व परित्यक्त बुजुर्गों के मामले में चीफ जस्टिस ने मॉडल अोल्ड एज होम बनाने का आदेश दिया.
निवर्तमान चीफ जस्टिस ने इन मामलों में लिया था स्वत: संज्ञान
जनहित से संबंधित मामला संक्षिप्त आदेश
बिना नियम के प्ले स्कूलों का संचालन सरकार नियमावली बना कर लागू करें.
स्कूलों में मनमाना फीस वृद्धि जस्टिस डीएन उपाध्याय की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया. तीन माह में रिपोर्ट.
डायन के नाम पर होनेवाली हत्याएं सख्ती से रोकने का आदेश, मामला लंबित.
जेल की व्यवस्था में सुधार मॉडल जेल मैनुअल तैयार कर लागू करें. चिकित्साकर्मी, जेल कर्मी को नियुक्त करें
जमशेदपुर में नाै वर्षीय रेप पीड़िता का इलाज सरकार को 50,000 रुपये मुआवजा भुगतान व बेहतर इलाज का आदेश.
लातेहार के मनिका थाना में नाबालिग पर अत्याचार सरकार को अविलंब 50,000 पीड़िता के परिजन को भुगतान का आदेश.
बुंडू पुलिस की कस्टडी में रूपेश स्वांसी की माैत मृतक नाबालिग के पिता को एक लाख मुआवजा भुगतान करने व दोषियों पर कार्रवाई का आदेश.
नाबालिग पर सीआइडी इंस्पेक्टर उमेश ठाकुर दंपती की प्रताड़ना पीड़िता को 25,000 रुपये मुआवजा व ठोस कार्रवाई का आदेश.
रिम्स में असहाय महिला को जमीन पर भोजन देना राज्य में असहाय व्यक्तियों की देखभाल, सहायता व इलाज से संबंधित रिपोर्ट मांगी.
अस्पताल भवनों में सीपेज व जल जमाव तुरंत कार्रवाई करने व अस्पतालों में बुनियादी सुविधा मजबूत करने का आदेश.
गरीब दिव्यांग छात्रा का मेडिकल में नामांकन नामांकन शुल्क 64,000 रुपये का ड्रॉफ्ट बनाने व मेडिकल कॉलेज में नामांकन सुनिश्चित कराने का आदेश.
हिनू में बरसात में अतिक्रमण हटाअो बरसात में लोगों को हटाने पर रोक लगाने के साथ सरकार को पुनर्वास की व्यवस्था करने को कहा था.
अार्सेनिक प्रदूषित जल पीने से हुई माैत सरकार को शुद्ध जल उपलब्ध कराने का आदेश.
स्कूलों में शाैचालय की कमी सरकार को सभी स्कूलों में लड़के-लड़कियों के लिए शाैचालय निर्माण कराने का आदेश.
अस्पतालों में चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टॉफ की कमी चिकित्सकों व पारा मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति तथा अस्पतालों में 252 एंबुलेंस उपलब्ध कराने का आदेश.
सिख दंगा पीड़ितों को मुआवजा व दोषियों पर कार्रवाई जस्टिस डीपी सिंह की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया.
बाल विवाह पर रोक बाल विवाह को सख्ती से रोकने के लिए नियमावाली लागू करवाया.
राज्य में खून की उपलब्धता में कमी राष्ट्रीय ब्लड नीति के आलोक में राज्य में नीति लागू करने का आदेश.
राज्य में गरमी में पीने के पानी की कमी प्रत्येक व्यक्ति को न्यूनतम जरूरत के हिसाब से पानी देने का आदेश.