मुख्य सचिव ने संबंधित अफसरों को निर्देश दिया है कि सभी जिलों में अवस्थित स्वास्थ्य उपकेंद्रों में प्रसव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उपकरण की खरीदारी की जाये. साथ ही कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की जाये. 15 सितंबर तक हर हाल में सभी स्वास्थ्य उप केंद्रों में प्रसव सुविधा प्रारंभ हो जानी चाहिए.
श्रीमती वर्मा ने निर्देश दिया कि प्रसव पूर्व जांच सारे स्वास्थ्य उप केंद्रों में सुनिश्चित करायी जाये. उन्होंने कहा कि जिस एचएससी में एएनएम नहीं है, वहां तत्काल पोस्टिंग करें तथा वहां डिलेवरी टेबल भी उपलब्ध करायेें. उन्होंने समीक्षा के क्रम में कहा कि देखा जा रहा है कि फर्स्ट एएनसी (एंटी नेटल चेक) की तुलना में थर्ड एएनसी में गिरावट आ रही है, जो एक चिंतनीय विषय है. जो भी सेविकाएं, सहियाएं और सीडीपीओ कार्य में शिथिलता बरतेंगी, उन पर कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने इस माह आंगनबाड़ी सेविका-सहियाओं का सम्मेलन आयोजित कराने का निर्देश दिया, ताकि स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूकता बढ़ायी जा सके. जहां-जहां टीकाकरण का कार्य बचा हुआ है, वहां मिशन मोड में कार्य पूर्ण करने का उन्होंने निर्देश दिया. विभाग के अपर मुख्य सचिव के विद्यासागर ने कहा कि बारिश के मौसम में डायरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की आशंकाओं को देखते हुए सचेत रहें तथा मेडिकल कैंप में ओआरएस का वितरण करें. इसे सहियाओं के द्वारा भी वितरण कराया जाये. उन्होंने कहा कि सर्पदंश से किसी की मौत होगी, तो इसके लिए मेडिकल अफसर जिम्मेवार होंगे. इसके लिए जिला स्तर पर ही दवाओं की खरीद सुनिश्चित करायें तथा प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्रों में दवा उपलब्ध करायी जाये. बैठक में कहा गया कि खराब प्रदर्शन करनेवाले सीडीपीओ/एमओआइसी/सहिया व आंगनबाड़ी सेविकाओं पर कार्रवाई करें तथा प्रत्येक पंचायत में हेल्थ कैंप का आयोजन किया जाये, जिसमें गर्भवती महिलाओं की एएनसी के साथ साथ दंत चिकित्सा व आंख का चेकअप भी सुनिश्चित कराया जाये.