रांचीः अभिभावक बच्चों में अपने संस्कार डाले. पैसा व सुविधा देने से संस्कारी नहीं बन जाते. बेहतर इनसान बनने के लिए बेहतर संस्कार की आवश्यकता होती है. आज के बच्चों में संस्कार की कमी होती जा रही है. सुविधा व बेहतर स्कूल में नामांकन करा देने से ही अभिभावकों की जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती. डिग्री प्राप्त करने लेने भर से कोई बुद्धिजीवी नहीं बन जाता.
रविवार को होटल कैपिटोल हिल में प्रभात खबर और रेडियो धूम के संयुक्त त्वावधान में आयोजित रांची प्रिंसिपल कांफ्रेस में रिनपास के डॉ अमूल रंजन सिंह ने उक्त बातें कही. कांफ्रेस में स्कूल व शिक्षण संस्थानों में काउंसलिंग की आवश्यकता विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. आयोजन में साइकोग्राफिक सोसाइटी व एसएमसी चेन्नई ने सहयोग दिया.
डॉ सिंह ने कहा कि अभिभावक को बच्चों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. हर बच्चे की अपनी क्षमता होती है. उसके अनुरूप उनको कैरियर का चयन करने दें. कुछ अभिभावक जो स्वयं नहीं कर पाते, अपने बच्चों से कराना चाहते हैं. यह गलत है. अपनी इच्छा बच्चों पर थोपनी नहीं चाहिए. प्रभात खबर के प्रधान संपादक हरिवंश ने कहा कि देश के पुनर्निर्माण में परिवार व स्कूल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आज स्कूलों में वैल्यू आधारित काउंसलिंग की आवश्यकता है. स्कूलों में चरित्र निर्माण का अभियान चलाना चाहिए. देश के महापुरुषों की जीवनी के बारे में बच्चों को शिक्षा दी जानी चाहिए. आज बच्चों को यह पता नहीं है कि उनके रोल मॉडल कौन हैं. साइकोग्राफिक सोसाइटी के निदेशक विकास सिंह ने कहा कि काउंसलिंग की आवश्यकता सभी बच्चों को हैं. सभी स्कूलों में इनफारमेशन काउंसलर की आवश्यकता है. अभिभावकों को भी परीक्षा के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए. कार्यक्रम में एसएमइसी चेन्नई के वाइस चेयरमैन आर राजशेखरन, ब्रदर्स एकेडमी के पारस अग्रवाल समेत अन्य प्राचार्यो ने भी अपने विचार रखे.
अतिथियों का स्वागत सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो आरए सिंह व धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता ज्ञानेंद्र ने किया. मौके पर राजधानी के निजी स्कूल के प्राचार्य व कोचिंग संस्थान के निदेशक व प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.