सबरंग ट्रस्ट का लाइसेंस नौ सितंबर 2015 को गृह मंत्रालय ने एफसीआरए नियमों के कई उल्लंघन करने को लेकर निलंबित कर दिया था. इसमें ट्रस्टियों के निजी लाभ के लिए कोष के दुरुपयोग का भी आरोप शामिल है. जब गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पाया कि फाइलें लापता हैं, तो उन्होंने जांच की और पाया कि जोशी ही वह अधिकारी हैं, जो फाइल ले गये थे. उन्हें तलब किया गया और फाइल वापस ली गयी. सीबीआइ अधिकारी ने बताया कि एक अवर सचिव को फाइल ले जाने की अनुमति नहीं है. सिर्फ संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारी फाइल घर लेकर जा सकते हैं. यह गंभीर उल्लंघन है.
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सीबीआइ ने रांची निवासी गृह मंत्रालय के अधिकारी को पकड़ा
रांची/नयी दिल्ली: गृह मंत्रालय के अधिकारी जो चार दिन पहले सीबीआइ द्वारा तलब किये जाने के बाद लापता हो गये थे, उन्हें कई एनजीओ को मनमाने तरीके से एफसीआरए नोटिस कथित तौर पर जारी करने के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया. मंत्रालय में अवर सचिव आनंद जोशी से सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा के […]
रांची/नयी दिल्ली: गृह मंत्रालय के अधिकारी जो चार दिन पहले सीबीआइ द्वारा तलब किये जाने के बाद लापता हो गये थे, उन्हें कई एनजीओ को मनमाने तरीके से एफसीआरए नोटिस कथित तौर पर जारी करने के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया. मंत्रालय में अवर सचिव आनंद जोशी से सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. अपर बाजार, रांची के मूल निवासी आनंद जोशी बुधवार की सुबह गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित अपने आवास से लापता हो गये थे. उन्हें पश्चिम दिल्ली के तिलक नगर इलाके से पकड़ा गया और पूछताछ के लिए सीबीआइ मुख्यालय ले जाया गया.
ऐसे आया था मामला सामने
यह मामला तब प्रकाश में आया, जब तीस्ता शीतलवाड़ के दो एनजीओ द्वारा एफसीआरए के कथित उल्लंघनों से संबंधित फाइलों के गृह मंत्रालय से गायब होने की बात सामने आयी. फाइलें बरामद कर ली गयीं और एफसीआरए संभाग को सौंप कर सीबीआइ से मामले की जांच करने को कहा गया. सूत्रों ने बताया कि यह गौर किया गया कि फाइलें गायब हैं, तब गृह मंत्रालय ने शीतलवाड़ के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट का एफसीआरए का पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया.
नियम विरुद्व एनजीओ विदेशी चंदा हासिल करते थे
सीबीआइ प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा कि सीबीआइ आरोपी का पता लगा रही थी और सूचना के आधार पर कि उसे पश्चिम दिल्ली इलाके से शाम पांच बजे के करीब हिरासत में लिया गया. जोशी और कुछ अनाम लोगों के खिलाफ भ्रष्ट आचरण और मनमाने तरीके से विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत कई एनजीओ को नोटिस जारी करने में शामिल रहने को लेकर मामला दर्ज किया गया है. ये एनजीओ विदेशी चंदा हासिल करते थे और इसमें तीस्ता शीतलवाड़ का सबरंग ट्रस्ट भी शामिल है.
मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया
इधर, आनंद जोशी ने उनके ऊपर लगाये गये आरोपों को खारिज कर दिया है़ उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकािरयों पर एनजीओ को क्लीन चिट देने के लिए उन पर दबाव डालने का आरोप लगाया है. घर से रवाना होने से पहले लिखे गये अपने पत्र में जोशी ने दावा किया था कि हाल के महीनों में उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.
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