रांचीः बीआइटी मेसरा के कुलपति डॉ मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि देवघर में बीआइटी की स्थिति अच्छी नहीं है. इसी वजह से वहां अच्छे लड़के जाना नहीं चाहते. यह संस्थान राज्य सरकार के सहयोग से चल रहा है. इसलिए सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे काफी संख्या में बच्चे नामांकन ले सके. देवघर बीआइटी की स्थिति का असर बीआइटी मेसरा पर भी पड़ता है. देवघर संस्थान को दुरुस्त करने में बीआइटी मेसरा प्रबंधन राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग देगा.
डॉ मिश्र ने कहा कि बीआइटी अनुदान पानेवाले हर मापदंड को पूरा करता है. बीआइटी मेसरा राज्य सरकार के साथ हुए करार को लागू करने हेतु तत्पर है. बीआइटी मेसरा का बजट लगभग 100 करोड़ रुपये है. सरकार लगभग 15 करोड़ रुपये देती थी.
अब संस्थान को 25 करोड़ का घाटा हुआ है. प्रबंधन इस घाटे को अंतरिम संसाधन से ही पूरा करता है. डॉ मिश्र ने बताया कि संस्थान में नामांकन के लिए जितनी भी आरक्षित सीटें हैं वे काउंसिल द्वारा तय किये जाते हैं. इन पर बीआइटी मेसरा प्रबंधन का कोई नियंत्रण नहीं है. पिछले सर्वे में देश के दस प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में यह संस्थान रहा है.