रमाकांत उपाध्याय के अनुसार वह पुलिस मेंस एसोसिएशन के कार्यालय में बैठ कर काम कर रहे थे. तभी तीन बोलेरो में सवार होकर कुछ लोग एसोसिएशन के परिसर में पहुंचे. जिनमें से एक की पहचान रमाकांत ने स्पेशल ब्रांच में काम करनेवाले राकेश पांडेय और अखिलेश्वर पांडेय के भतीजे के रूप में की. वह अपने सहयोगियों के साथ रमाकांत के चेंबर में घुस गया. उसने अपने चाचा अखिलेश्वर पांडेय के साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए रमाकांत को जान से मारने की धमकी दी. जब रमाकांत ने इसका विरोध किया. तब उसने उनके सहयोगियों के साथ मारपीट शुरू कर दी.
घटना के दौरान एसोसिएशन के कुछ अन्य सदस्य भी रमाकांत के साथ थे. सभी ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया. रमाकांत के अनुसार कुछ दिन पहले भी उनके साथ अखिलेश्वर पांडेय ने मारपीट की थी. घटना के बाद अखिलेश्वर पांडेय ने रमाकांत को धमकी देते हुए कहा था कि अब इसका बदला मेरा भतीजा लेगा. रमाकांत ने बताया कि उन्होंने घटना के बाद सुरक्षा के लिए रांची पुलिस से बॉडीगार्ड मांगा था, लेकिन बॉडीगार्ड नहीं मिला. पुलिस अधिकारियों की ओर से उन्हें सिर्फ यह कहा गया कि अगर फिर से उनके साथ कोई मारपीट करे, तो इस बात की सूचना पुलिस को दें. पुलिस पांच मिनट के अंदर कार्रवाई करेगी.
इधर, इस संबंध में एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश्वर पांडेय का कहना है कि यह आपसी विवाद का मामला है़ दोनों के बीच मारपीट हुई है़ चार दिन पहले मेरे साथ हुई मारपीट के संबंध में बात करने राकेश पांडेय, रामाकांत उपाध्याय से पूछताछ करने गये थे.
रमाकांत उपाध्याय ने हाल ही में एसोसिएशन का रजिस्ट्रेशन कराया है. इस वजह से उसने एसोसिएशन के आय-व्यय का ब्योरा महामंत्री से मांगा. महामंत्री को शनिवार तक आय-व्यय का ब्योरा देने का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने ब्योरा नहीं दिया. ब्योरा नहीं देने की वजह से अब एसोसिएशन के सदस्यों को इस बात की आशंका होनी लगी है कि एसोसिएशन के नाम पर पुलिस कर्मियों के एकाउंट से जो रुपया कटता है, उसमें भारी गड़बड़ी हुई है.
इसी वजह से रमाकांत पर हमला हुआ है. यह भी बात सामने आयी कि एसोसिएशन के कुछ पूर्व अधिकारी इस काम में शामिल हैं. वे एसोसिएशन को हाइजैक कर रखना चाहते हैं, जिसका समर्थन कुछ सीनियर पुलिस अधिकारी कर रहे हैं. एसोसिएशन के सदस्यों के अनुसार ऑडिट होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि पुलिसकर्मियों के एकाउंट से काटे गये रुपये में कितने की गड़बड़ी हुई है.