रांची: चुटिया थाना क्षेत्र के पटेल चौक स्थित पशु पालन विभाग ऑफिस के निकट ट्रांसपोर्ट कारोबारी 25 वर्षीय सरदार मंजीत सिंह उर्फ हैप्पी सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. घटना सोमवार देर रात की है. घटना के दौरान मंजीत सिंह अपने भाई रंजीत सिंह के साथ कार में सवार थे. उसके सिर में नजदीक से सटा कर गोली मारी गयी है.
पुलिस ने कार से गोली का एक खोखा भी बरामद किया है. पुलिस को संदेह है कि मंजीत सिंह को गोली उसके किसी करीबी ने मारी है. इस बिंदु पर पुलिस साक्ष्य एकत्र कर रही है. पुलिस ने भाई रंजीत सिंह से भी पूछताछ की है, पर पुिलस के मुताबिक रंजीत बार-बार बयान बदल रहा है. हालांकि उसका कहना है कि उसके भाई की हत्या करने दो बाइक से चार अपराधी पहुंचे थे.
जानकारी के अनुसार मंजीत सिंह उर्फ हैप्पी सिंह परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बंसल प्लाजा अपार्टमेंट के फ्लैट में रहते थे. वे खलारी में कोयला ट्रांसपोर्ट के काम से जुड़े थे. वे सोमवार की रात करीब 10 बजे अपने भाई के साथ खाने के लिए कार में सवार होकर घर से बाहर निकले. जब रंजीत को उसके पिता ने फोन कर रात करीब 11 बजे के बाद पूछा कि घर कब लौटना है, तब उसने अपने पिता को बताया कि मंजीत सिंह काे पशुपालन आॅफिस के निकट गोली मार दी गयी है. घटना के बाद रंजीत सिंह घायल अवस्था में अपने भाई को लेकर गुरुनानक अस्पातल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.
सीसीटीवी में नहीं मिला किसी अपराधी के बारे में सुराग : पुलिस ने घटनास्थल के समीप एक दुकान में लगे सीसीटीवी का फुटेज देखा, जिससे पता चला कि जिस कार में हैप्पी सिंह और उसके भाई सवार थे, वह कार घटनास्थल के समीप 10.32 बजे वहां खड़ी थी. कार वहां से करीब आधे घंटे के बाद आगे बढ़ी. इस दौरान कार के समीप कोई नहीं पहुंचा. कार के समीप किसी बाइक सवार अपराधी को पहुंचते सीसीटीवी में नहीं देखा गया है. कार के अंदर से किसी को निकलते भी नहीं देखा गया है. पुलिस दूसरे स्थानों से भी सीसीटीवी फुटेज हासिल करने का प्रयास कर रही है, ताकि घटना की सच्चाई के बारे में और स्पष्ट जानकारी जानकारी मिल सके.
सीआइडी और एफएसएल की टीम ने की जांच : घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल पर अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) की टीम भी पहुंची. सीआइडी के अधिकारियों ने हत्याकांड में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर जांच की. इसके अलावा घटनास्थल की जांच के लिए एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया. एफएसल की टीम ने कार से फिंगरप्रिंट के कुछ नमूने एकत्र किये हैं. इसका मिलान पुराने अपराधियों के फिंगरप्रिट से किया जायेगा. ताकि पुलिस को पता चल सके कि किसी पुराने अपराधी का ताे इसमें हाथ नहीं.
बार-बार बयान बदल रहा मंजीत का भाई रंजीत
हत्या की घटना की सूचना मिलने के बाद जब सिटी एसपी किशोर कौशल सोमवार की देर रात घटनास्थल पर पहुंचे, तब मंजीत के भाई रंजीत सिंह ने बताया था कि हैप्पी सिंह ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ था. मैं बगलवाली सीट पर बैठा था. अपराधियों ने कार रोक दी. जब हैप्पी सिंह ने कार का शीशा नीचे किया, तब अपराधियों ने उसे गोली मार दी और भाग निकले. कार देखने के बाद जब सिटी एसपी ने रंजीत से पूछा कि ड्राइविंग सीट पर खून के निशान नहीं हैं, तब रंजीत कहने लगा हैप्पी सिंह पीछे बैठे हुए थे. उन्हाेंने मुझे कार चलाने के लिए कहा था. हैप्पी कार की पीछेवाली सीट पर दाहिनी तरफ बैठा था, लेकिन पुलिस को गोली का खोखा पीछे वाली सीट के बायें हिस्से से मिला है.
लोगों ने नहीं सुनी गोली चलने की आवाज
घटनास्थल के समीप एक एटीम है, जहां पर गार्ड तैनात रहता है. पुलिस ने गोली चलने के बारे में गार्ड से पूछताछ की, लेकिन उसने गोली चलने की आवाज सुनने से इनकार कर दिया. पुलिस ने घटना स्थल के आसपास खड़े तीन अन्य लोगों का बयान लिया, लेकिन तीनों ने अपने बयान में यही बताया कि उन्होंने किसी अपराधी को किसी की हत्या करते नहीं देखा है. गोली चलने की आवाज सुनने से भी तीनों ने इनकार किया है.