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समारोह: शताब्दी वर्ष पर जुटे बीएचयू के पूर्ववर्ती छात्र, मेकन के पूर्व सीएमडी ने कहा, बीएचयू का आर्किटेक्ट बेहतरीन
वरीय संवाददाता बीएचयू के शताब्दी वर्ष पर रांची चैप्टर के सदस्य शनिवार को राजधानी रांची में जुटे. सीएमपीडीआइ के मयूरी प्रेक्षागृह में समारोह का आयोजन हुआ. मौके पर मौजूद सदस्यों ने बीएचयू में बिताये हुए दिनों को याद किया. मुख्य अतिथि मेकन के पूर्व सीएमडी एके मेहरोत्रा ने कहा कि बीएचयू का निर्माण करनेवाले मदन […]
वरीय संवाददाता
बीएचयू के शताब्दी वर्ष पर रांची चैप्टर के सदस्य शनिवार को राजधानी रांची में जुटे. सीएमपीडीआइ के मयूरी प्रेक्षागृह में समारोह का आयोजन हुआ. मौके पर मौजूद सदस्यों ने बीएचयू में बिताये हुए दिनों को याद किया. मुख्य अतिथि मेकन के पूर्व सीएमडी एके मेहरोत्रा ने कहा कि बीएचयू का निर्माण करनेवाले मदन मोहन मालवीय दिव्य दृष्टि रखते थे. संस्थान अपने-आप में आर्किटेक्ट का बेहतरीन नमूना है. इसकी जानकारी मुझे तब मिली जब मैं 1999 में जर्मनी के एक डेलीगेशन को लेकर वहां गया था. जर्मनी के सदस्यों ने कैंपस का निरीक्षण करने के बाद मुझसे पूछा था कि क्या मदन मोहन मालवीय आर्किटेक्ट थे. मैंने उन्हें बताया कि वे एक वकील व राजनेता थे. अपने प्रयास से उन्होंने इसे विश्वस्तरीय बना दिया था.
बसंत पंचमी के बाद चलती थी भांग की पार्टी : राज्य के पेयजल स्वच्छता विभाग के सचिव एपी सिंह ने कहा कि बीएचयू की यादें आज भी जेहन में रहती है. बसंत पंचमी के बाद वहां शिक्षक संघ का चुनाव होता था. जहां-जहां भांग की पार्टी होती थी. उसी वक्त परीक्षा भी होती थी. एक बार तो भांग पार्टी में शामिल होने के कारण 80 फीसदी विद्यार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये थे. रिजल्ट मात्र पांच फीसदी हुआ था. जिस वक्त मैं शिक्षा ले रहा था, उस वक्त ज्यादा समय साइन डाइ में गुजरता था. आज स्थिति काफी बदल गयी है. मौके पर सीएमपीडीआइ के सीएमडी शेखर शरण ने संस्था को हर संभव सहयोग का वादा किया. कार्यक्रम में निदेशक तकनीकी बीएन शुक्ला व वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश ने भी विचार रखे. कार्यक्रम का संचालन पाखी व अतिथियों का स्वागत रांची चैप्टर के अध्यक्ष अतुल सक्सेना ने किया. वहीं सचिव की रिपोर्ट पीके ठाकुर ने पेश की.
विद्यार्थियों को मिला स्कॉलरशिप: कार्यक्रम में संस्था ने कई विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देकर सम्मानित किया गया. अॉक्सफोर्ड स्कूल के प्रशांत कुमार, अदीति कुमारी व चंदन कुमार तथा जेवीएम के प्रदीप मंडल को सम्मानित किया गया. वहीं आरती कुमारी व अलका सुष्मिता लकड़ा को महामना बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया.
दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि: मौके पर एक साल के दौरान दिवंगत सदस्यों (एनसी मिश्र, जेपी द्विवेदी व शरद पोद्दार) को श्रद्धांजलि दी गयी.
मालवीय जी की महानतम उपलब्धि है बीएचयू
विश्व की प्राचनीतम नगरों में एक वाराणसी में मां गंगा के तट पर बसे काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना महान राष्ट्रवादी एवं विचारक भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1916 में किया था. इसकी स्थापना बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी एक्ट संख्या-16 (1915) के तहत की गयी थी. इस विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य दुर्गम व कांटों से भरा था. इसको मालवीय जी ने लोगों के सहयोग व दान राशि प्राप्त कर पूरा किया. महामना का संपूर्ण जीवन असाधारण एवं व्यक्तित्व बहुमुखी रहा. वे महान देशभक्त, शिक्षाविद्, समाज सुधारक, उत्कृष्ट पत्रकार, प्रभावी अधिवक्ता, सफल राजनीतिज्ञ व अन्य अनगिनत प्रतिभाओं के संगम थे. मालवीय जी की अनेक महान उपलब्धियों में से महानतम उपलब्धि काशी विश्वविद्यालय की स्थापना थी, जिसने तत्कालीन भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में इतिहास रच दिया. यह महामना की दूर दृष्टि ही थी, जिसने इस विश्वविद्यालय को मध्यम से अति विशिष्ट पहचान दिलायी. 1946 में मां भारती ने अपने इस सपूत को मिट्टी में मिला लिया, लेकिन तब तक महामना इस विश्वविद्यालय के रूप में शिक्षा का एक ऐसा पौध लगा चुके थे, जो युगों-युगों तक संपूर्ण विश्व को अपने ज्ञान से लाभांवित करता रहेगा. वर्तमान में संपूर्ण विश्व के 30 हजार से अधिक विद्यार्थी विभिन्न विषयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. अनेकोनेक छात्र देश-विदेश में संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं. इस संस्थान से जुड़े अनेक व्यक्तियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के अवार्ड मिल चुके हैं.
पीके ठाकुर, महासचिव बीएचयू पूर्ववर्ती छात्र, रांची
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