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स्वास्थ्य विभाग : गलत नियुक्ति जांच ठप

रांची: स्वास्थ्य विभाग में नियम विरुद्ध नियुक्ति से संबंधित सभी जांच ठप हैं. इनमें आउट सोर्सिग (बाहरी स्रोत) से पीएमसीएच, धनबाद व एमजीएम, जमशेदपुर में अधिक लोगों की नियुक्ति का मामला, विभाग के नियमित चिकित्सकों की सही संख्या का मामला और जिलों में तृतीय व चतुर्थ पदों पर संभावित अवैध नियुक्ति-प्रोन्नति का मामला शामिल हैं. […]

रांची: स्वास्थ्य विभाग में नियम विरुद्ध नियुक्ति से संबंधित सभी जांच ठप हैं. इनमें आउट सोर्सिग (बाहरी स्रोत) से पीएमसीएच, धनबाद व एमजीएम, जमशेदपुर में अधिक लोगों की नियुक्ति का मामला, विभाग के नियमित चिकित्सकों की सही संख्या का मामला और जिलों में तृतीय व चतुर्थ पदों पर संभावित अवैध नियुक्ति-प्रोन्नति का मामला शामिल हैं.

सरकार ने सभी मामले में जांच व रिपोर्ट तैयार करने का आदेश पारित किया, पर किसी मामले में न तो जांच पूरी हुई और न ही रिपोर्ट तैयार की गयी है. विभाग का मानना है कि वर्षो तक सेवा में रह कर सेवानिवृत्त होनेवाले चिकित्सकों से तनख्वाह वसूली हो नहीं सकती. वहीं वर्तमान में कार्यरत लोगों को भी हटाना मुश्किल है. कोर्ट में इसे चुनौती दी जा सकती है. इसलिए अब विभाग ऐसे सभी चिकित्सकों की सेवा मान्य करने के लिए कैबिनेट से अनुमोदन करायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है.

पहले मामले में विभाग को पीएमसीएच, धनबाद तथा एमजीएम, जमशेदपुर में आउट सोर्सिग से जरूरत से अधिक नियुक्ति की सूचना है. वहीं सिविल सजर्नों के माध्यम से विभिन्न जिलों में की गयी नियुक्ति में भी एकरूपता नहीं पायी गयी. इसके बाद पूर्व विभागीय सचिव के विद्यासागर ने एक जांच कमेटी का गठन किया था. दूसरा मामला सृजित पदों के विरुद्ध विभाग में नियुक्त नियमित चिकित्सकों की सही संख्या का है. दरअसल कई नियमित डॉक्टरों की नियुक्ति संबंधी कागजात गायब हैं. ऐसे ज्यादातर चिकित्सक का भी संबंध पीएमसीएच, धनबाद व एमजीएम, जमशेदपुर से है. इनमें से कुछ शिक्षक हैं. वर्ष पहले विभाग ने बिहार सरकार को चिट्ठी लिख कर राज्य बंटवारे के बाद यहां आये चिकित्सकों का ब्योरा मांगा था, जो अब तक अप्राप्त है.

उधर, जिलों में वर्ग तीन व चार के विभिन्न पदों पर नियुक्ति-प्रोन्नति संबंधी पूरी जांच रिपोर्ट भी नहीं मिल सकी है. इन नियुक्ति व प्रोन्नति के नियम विरुद्ध होने की आशंका के बाद जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिये गये थे. पूर्व विभागीय सचिव के विद्यासागर ने 24 जनवरी-2013 को सभी निदेशक प्रमुख व निदेशक (निदेशालय), प्राचार्य (मेडिकल, फार्मेसी व ट्रेनिंग कॉलेज व अन्य संस्थान), अधीक्षक व उपाधीक्षक (सदर, अनुमंडल व रेफरल अस्पताल), सभी सिविल सजर्न तथा कुष्ठ, मलेरिया, यक्ष्मा, फाइलेरिया पदाधिकारियों को यह चिट्ठी लिखी थी. अभी ज्यादातर जिलों से रिपोर्ट अप्राप्त है.

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