उनके जिम्मे साहेबगंज, पाकुड़ का अतिरिक्त प्रभार था. एक निरीक्षक दो माह पहले निगरानी से घूस लेते पकड़े गये थे. उनको विभाग ने निलंबित कर दिया है. निरीक्षकों के नहीं रहने से व्यापारियों को भी परेशानी हो रही है. उनको नो क्लीयरेंस सर्टिफिकेट समय पर नहीं मिल पा रहा है. हाल ही में इसी मुद्दे को लेकर व्यापारियों ने माप-तौल नियंत्रक से मुलाकात भी की थी.
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सात माप-तौल निरीक्षकों के भरोसे राज्य के 24 जिले
रांची: पूरे राज्य में वजन वाले उपकरणों की जांच ठीक से नहीं हो रही है. सात माप तौल निरीक्षकों के जिम्मे 24 जिले हैं. एक-एक माप तौल निरीक्षक चार-पांच जिले का काम देख रहे हैं. 30 नवंबर को दुमका में पदस्थापित शैलेंद्र कुमार मिश्र रिटायर हो गये. उनके जिम्मे साहेबगंज, पाकुड़ का अतिरिक्त प्रभार था. […]
रांची: पूरे राज्य में वजन वाले उपकरणों की जांच ठीक से नहीं हो रही है. सात माप तौल निरीक्षकों के जिम्मे 24 जिले हैं. एक-एक माप तौल निरीक्षक चार-पांच जिले का काम देख रहे हैं. 30 नवंबर को दुमका में पदस्थापित शैलेंद्र कुमार मिश्र रिटायर हो गये.
उनके जिम्मे साहेबगंज, पाकुड़ का अतिरिक्त प्रभार था. एक निरीक्षक दो माह पहले निगरानी से घूस लेते पकड़े गये थे. उनको विभाग ने निलंबित कर दिया है. निरीक्षकों के नहीं रहने से व्यापारियों को भी परेशानी हो रही है. उनको नो क्लीयरेंस सर्टिफिकेट समय पर नहीं मिल पा रहा है. हाल ही में इसी मुद्दे को लेकर व्यापारियों ने माप-तौल नियंत्रक से मुलाकात भी की थी.
क्या-क्या काम इनके जिम्मे
मापतौल निरीक्षकों के जिम्मे मापतौल उपकरणों की जांच का जिम्मा होती है. सभी प्रकार के बटखारा, लीटर, मीटर, टेप, बैलेंस, काटा आदि की जांच हर दो साल पर होती है. जांच के बाद रिपोर्ट दी जाती है. इसके बाद ही इन उपकरणों की जांच हो सकती है. कुछ उपकरणों की जांच हर एक साल बाद होती है. ज्यादा जिलों का प्रभार रहने के कारण जांच का काम समय पर नहीं हो पाता है.
खाद्य आपूर्ति में शामिल हो चुका है विभाग
माप तौल विभाग पहले कृषि विभाग के साथ था. अब यह खाद्य आपूर्ति में चला गया है. खाद्य आपूर्ति से ही अधिकारियों का पदस्थापन हो रहा है. वेतन का भुगतान भी खाद्य आपूर्ति से ही हो रहा है.
प्रभार बदलने का आग्रह : मापतौल विभाग ने सरकार से प्रदीप कुमार का प्रभार बदलने का आग्रह किया है. श्री कुमार को देवघर के अतिरिक्त कोडरमा और गिरिडीह का प्रभार दिया गया है. आग्रह किया गया है कि प्रदीप कुमार को शैलेंद्र कुमार के सेवानिवृत्त के बाद रिक्त हुए जिलों का प्रभार दे दिया जाये. गिरिडीह और कोडरमा का प्रभार किसी नजदीकी जिले वाले अधिकारियों को दे दी जाये.
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