जमीन व बस विवाद: चचेरे दामाद अमर सिंह ने किया हमला, राणा संग्राम सिंह के बेटे जसवंत की हत्या
रांची: धुर्वा थाना क्षेत्र के वीर कुंवर सिंह चौक के पास एचइसी के श्रमिक नेता राणा संग्राम सिंह के पुत्र ठाकुर जसवंत सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी़ जसवंत के भाई राणा प्रताप सिंह को सिर पर लाठी से हमला कर घायल कर दिया गया़ उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है़ जमीन […]
रांची: धुर्वा थाना क्षेत्र के वीर कुंवर सिंह चौक के पास एचइसी के श्रमिक नेता राणा संग्राम सिंह के पुत्र ठाकुर जसवंत सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी़ जसवंत के भाई राणा प्रताप सिंह को सिर पर लाठी से हमला कर घायल कर दिया गया़ उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है़ जमीन विवाद और बस चलाने के विवाद कारण अमर सिंह ने दोनों पर हमला किया़ जसवंत और राणा प्रताप रिश्ते में अमर सिंह के चचेरे ससुर हैं.घटना शुक्रवार सुबह आठ बजे की है़ .
पुलिस ने अमर सिंह और उसके चालक रमेश को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया है़ हटिया एएसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि पुलिस ने उनके पास से 21 गोलियां बरामद की हैं. पुलिस ने राणा प्रताप सिंह के बयान पर केस दर्ज कर लिया है. इसमें अमर सिंह, जसवंत व राणा के चचेरे भाई वंश नारायण सिंह, उनके दोनों पुत्र रणधीर सिंह और रणवीर सिंह के अलावा अमर सिंह के चालक और दो अज्ञात को आरोपी बनाया गया है़ . पुलिस अन्य की तलाश में छापेमारी कर रही है. घटनास्थल से पुलिस ने पांच खोखे बरामद किये हैं.
कार रुकवा कर की फायरिंग : राणा प्रताप सिंह के अनुसार, वह अपने भाई यशवंत के साथ मोरहाबादी मैदान से टहल कर कार से घर लौट रहा था़ दोनों वीर कुंवर सिंह चौक के पास पहुंचे. वहां पहले से अमर सिंह प्राथमिकी में शामिल सभी लोगों के साथ कार लेकर खड़ा था. राणा ने पुलिस को बताया : अमर के कहने पर हमने कार रोक दी. इसके बाद अमर सिंह गाली देने लगा़ राइफल से फायरिंग भी कर दी. एक गोली यशवंत को लगी. वंश नारायण सिंह ने भी मुझ पर फायरिंग की, लेकिन मैं बच गया. इसके बाद वंश नारायण सिंह के दोनों लड़कों ने मिल कर मेरे सिर पर लाठी से हमला कर दिया़ घटना के बाद मैं कार से अपने भाई यशवंत को लेकर मेडिका अस्पताल पहुंचा. वहां चिकित्सकों ने यशवंत को मृत घोषित कर दिया. राणा प्रताप सिंह ने पुलिस को बताया कि हमारे और वंश नारायण सिंह के बीच पूर्व से जमीन संबंधी विवाद चल रहा है़ .
अमर ने कहा, आत्मरक्षा में गोली चलायी : इधर घटना के बाद अमर सिंह चालक के साथ हटिया एएसपी के पास सरेंडर करने पहुंचा था. वहां उसे और उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया गया़ अमर सिंह का कहना है कि यशवंत ने पहले उस पर फायरिंग की़ उसने आत्मरक्षा में लाइसेंसी राइफल से यशवंत सिंह को गोली मार दी. अमर सिंह का कहना है कि घटना के दौरान वह अपने चालक के साथ था. इसके अलावा कोई नहीं था़ हालांकि हटिया एएसपी ने बताया कि घटना में पांच लोगों के शामिल होने की बात सामने आयी है. पुलिस को अमर सिंह की कार पर गोली लगने के सात निशान मिले हैं.
मोहनियां में बीघा जमीन और बस को लेकर था विवाद
अमर सिंह ने बताया कि राणा संग्राम सिंह आपस में तीन भाई हैं. उनके दो भाई का नाम चंद्रमा सिंह और जगदेव सिंह है. तीनों की पैतृक जमीन करीब 40 बीघा है. जगदेव सिंह का कोई पुत्र नहीं है, जबकि चंद्रमा सिंह का एक पुत्र वंश नारायण सिंह है. जगदेव सिंह ने अपने हिस्से की जमीन अपने दोनों भाइयों को दे दी थी. पूरी जमीन राणा संग्राम सिंह के तीनों बेटे आपस में मिल कर हड़पना चाहते थे. वे वंश नारायण सिंह को जमीन देने को तैयार नहीं थे. वंश नारायण सिंह के कहने पर मैं मामले में समझौता कराना चाहता था. इसके अलावा बस चलाने को लेकर भी विवाद चल रहा था. यशवंत सिंह के बड़े भाई राम इकबाल सिंह मेरे ससुर हैं. इसलिए वह मामले में विरोध नहीं करते थे. लेकि यशवंत सिंह और राणा प्रताप सिंह समझौता नहीं करना चाहते थे. इसलिए मेरा दोनों के साथ विवाद चल रहा था.
राणा संग्राम सिंह के बेटों और अमर सिंह ने एक-दूसरे पर फायरिंग की थी. अमर का दावा है कि उसने आत्मरक्षा में लाइसेंसी हथियार से फायरिंग की थी. पुलिस ने अमर सिंह को गिरफ्तार कर उसके पास से हथियार जब्त कर लिया है. घटना के पीछे जमीन और पारिवारिक विवाद की बात सामने आयी है. एडीजी एसएन प्रधान, प्रवक्ता पुलिस मुख्यालय
