रांची: राजधानी की शहरी जलापूर्ति योजना के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए 14 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखलायी है. केंद्र के सहयोग से चल रही योजना में हैदराबाद कंपनी आइवीआरसीएल ने 40 फीसदी से कुछ अधिक काम पूरा किया है. काम की धीमी प्रगति को लेकर सरकार ने कंपनी को काली सूची में डाल दिया था. सरकार की ओर से योजना के लिए शुक्रवार को पुन:निविदा के तहत प्री बिड मीटिंग आयोजित की गयी थी.
अधूरे पड़े कार्य की कुल लागत 200 करोड़ के बीच आंकी गयी है. पेयजल और स्वच्छता विभाग की ओर से आयोजित बैठक में दिल्ली, हैदराबाद, उत्तरप्रदेश, मुंबई, गुजरात समेत देश भर की जानी-मानी कंपनियों ने हिस्सा लिया. अपर मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में आइटीडी सेम (इंडिया) लिमिटेड, पीपीएसएल (प्रतिभा समूह), फ्लोमोर लिमिटेड दिल्ली, मेघा इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड, जीकेसी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, हैदराबाद की विश्वा इंफ्रास्ट्रर प्रा लिमिटेड, नागाजरुना कंस्ट्रक्शन कंपनी, मुंबई की गैमन इंडिया लिमिटेड, जेएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड, प्रतिभा इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नोएडा की यूइएम लिमिटेड, यूनिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, उत्तरप्रदेश की रैमकी इंफ्रास्ट्रर लिमिटेड और सिंपलेक्स इंफ्रास्ट्रर लिमिटेड ने भाग लिया.
बैठक संयुक्त सचिव (प्रबंधन) उमेश मेहता, अधीक्षण अभियंता श्वेताभ कुमार समेत रांची नागरिक अंचल के सभी अवर प्रमंडलों को कार्यपालक अभियंता मौजूद थे. प्री बिड मीटिंग के दौरान कंपनियों के प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब भी दिया गया. अब सरकार की ओर से 200 करोड़ की योजना के लिए वित्तीय और तकनीकी बिड आमंत्रित की जायेगी.