8.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डोरंडा में निर्दोष भी पकड़े गये? 47 की गिरफ्तारी पर उठ रहे सवाल

रांची : डोरंडा में 28 सितंबर की रात हुई फायरिंग व आगजनी की घटना को लेकर 47 लोगों की गिरफ्तारी पर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि गिरफ्तार किये गये लोगों में अधिकतर निर्दोष हैं. इसमें दाेनाें पक्ष के लाेग हैं. इन लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में ही परिजनों ने […]

रांची : डोरंडा में 28 सितंबर की रात हुई फायरिंग व आगजनी की घटना को लेकर 47 लोगों की गिरफ्तारी पर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि गिरफ्तार किये गये लोगों में अधिकतर निर्दोष हैं.
इसमें दाेनाें पक्ष के लाेग हैं. इन लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में ही परिजनों ने 30 सितंबर को डोरंडा थाने का घेराव भी किया था. लोगों की गिरफ्तारी को लेकर दो बातें सामने आ रही हैं. पहली यह कि पुलिस ने सभी 47 लोगों को 29 सितंबर की सुबह घर या मुहल्ले से गिरफ्तार किया था़ पर प्राथमिकी में सभी की गिरफ्तारी हंगामा स्थल से दिखाया़ दूसरी यह कि सभी को गिरफ्तार पहले किया गया, बाद में प्राथमिकी दर्ज कर अभियुक्त बनाया गया़
पुलिस की कार्रवाई देख खेत में भागे थे लोग : 28 सितंबर की रात की घटना के तुरंत बाद पुलिस गौस नगर व पोखरटोली में पहुंची थी. पुलिस रात भर दोनों मुहल्लों में गश्त करती रही. सुबह में सीआरपीएफ व जिला बल के जवानों ने तलाशी अभियान चलाया. इस दौरान पुलिस ने दोनों मुहल्ले के कई घरों की तलाशी ली. तलाशी के क्रम में जो लोग घर में मिले, उन्हें पकड़ कर डोरंडा थाना लाया गया.
यहां से सभी को जेल भेज दिया गया. पुलिस की कार्रवाई को देख कर दोनों मुहल्ले के लोग खेत में भाग गये थे. लोगों की गिरफ्तारी और खेत में भागने से संबंधित तसवीरें भी 30 सितंबर के अखबारों में छपी. पुलिस के आतंक की वजह से दोनों मुहल्ले के दोनों समुदाय के लोग कुछ भी कहने से इनकार कर रहे हैं. गिरफ्तार लोगों के परिजन डर के मारे यह कह रहे हैं कि वह मीडिया में कुछ नहीं बोलेंगे. गिरफ्तार हुए अपने परिवार के सदस्य को कोर्ट से जमानत पर छुड़वा लेंगे.
रात को अभी भी घरों में नहीं रहते कुछ लोग
28 सितंबर की रात हुई घटना के बाद डोरंडा में स्थिति सामान्य हो गयी है़ दुकानें खुल गयी हैं. बाजारें भी लग रहे हैं. लोग सड़क पर निकलते हैं. हालांकि कुछ इलाकों में अभी भी लोग डरे-सहमे नजर आते हैं. कुछ लोग गिरफ्तारी के डर से अपने घराें में नहीं रहते़ कुछ लोग अभी भी यही सोचते हैं कि फिर से रात में कुछ न हो जाये. इस कारण डोरंडा थाना क्षेत्र के कुछ लोग अभी भी दूसरे के घरों में रात गुजारते हैं.
क्या है प्राथमिकी में
घटना को लेकर डोरंडा में दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त नामकुम के बीडीओ ठाकुर गौरी शंकर शर्मा ने 29 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसके मुताबिक 25 सितंबर की घटना के बाद डोरंडा में धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू कर दी गयी थी़ 28 सितंबर की रात 11 बजे दो समुदाय के लोगों ने जगह-जगह इकट्ठा होकर एक-दूसरे पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. नारेबाजी करते हुए शांति भंग करने पर उतारू हो गये. काफी समझाने पर भी दोनों समुदाय के लोग शांत नहीं हुए और एक-दूसरे को क्षति पहुंचाने का प्रयास करने लगे.
इसी क्रम में एक टेंपो में आग लगा कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया. स्थिति इतनी भयावह हो गयी थी कि लोग एक-दूसरे पर जानलेवा हमला करने का भी प्रयास करने लगे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी गयी और पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध होने पर दोनों पक्षों के सदस्यों (47 लोगों) को गिरफ्तार किया गया. प्राथमिकी के मुताबिक करीब 100-150 लोग भागने में सफल रहे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें