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महात्मा गांधी मार्ग में दुरुस्त करें ट्रैफिक
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को फुटपाथ दुकानदारों के पुनर्वास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) में यातायात सिस्टम को तुरंत दुरुस्त करें और सुगम बनायें. इस मार्ग में ट्रैफिक सुरक्षित व व्यवस्थित नहीं है. ट्रैफिक को बाधित करने की छूट […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को फुटपाथ दुकानदारों के पुनर्वास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) में यातायात सिस्टम को तुरंत दुरुस्त करें और सुगम बनायें. इस मार्ग में ट्रैफिक सुरक्षित व व्यवस्थित नहीं है. ट्रैफिक को बाधित करने की छूट नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने पूछा कि ट्रैफिक पुलिस कहां रहती है, जाम क्यों लग जाता है? वर्तमान ट्रैफिक व्यवस्था नहीं चलेगी. कड़े निर्णय लेने पड़ेंगे, जो अच्छे नहीं लगेंगे और कुछ लोग खुश भी नहीं होंगे. इसके बावजूद प्रशासन को कड़ा निर्णय लेना पड़ेगा.
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से रांची नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस को उक्त निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि पैदल चलनेवालों के लिए चिह्नित स्थल (व्हाइट लाइन के बाद का स्थल) का भी अतिक्रमण कर लिया गया है. व्हाइट लाइन के बाद फुटपाथ पर दुकानें लगायी जाती है.
बड़े दुकानदार अपने दुकान के सामने फुटपाथ पर दुकान लगाने देते हैं. संभव है इसके लिए पैसे लिये जाते हो. बिना पैसे लिये अपनी दुकान के सामने कोई दूसरे को दुकान क्यों लगाने देगा? व्हाइट लाइन बनवाया गया था पैदल चलनेवालों के लिए. आज स्थिति दूसरी है. लाइन के बाद फुटपाथ पर दुकान व लाइन के पहले खरीदार खरीदारी करते रहते है. रिक्शा को किनारे चलना था, वह कही भी चल रहा है. स्थिति पहले जैसे हो गयी है. इस मार्ग में पैदल चलना मुश्किल और खतरनाक हो गया है. ट्रैफिक पुलिस व रांची नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं करता है.
पूर्व में भी कोर्ट ने कई बार ट्रैफिक दुरुस्त करने का निर्देश था, लेकिन स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं आ पाया है. खंडपीठ ने महाधिवक्ता विनोद पोद्दार को संबंधित विभागों के साथ बैठक कर निर्णय लेने और उसे लागू कराने का निर्देश दिया. साथ ही राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.
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