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लीज नवीकरण के एवज में 3500 करोड़ रुपये फाइन मांग रही है सरकार

टाटा स्टील एमएमडीआर संशोधन एक्ट के तहत लीज नवीकरण की मांग कर रही है रांची : टाटा स्टील की नोवामुंडी खदान से निकाले गये लौह अयस्क का चालान देने पर खान विभाग ने रोक लगा दी है. इसके चलते नोवामुंडी से लौह अयस्क का उत्पादन ठप हो गया है. पिछले दो सप्ताह से लौह अयस्क […]

टाटा स्टील एमएमडीआर संशोधन एक्ट के तहत लीज नवीकरण की मांग कर रही है
रांची : टाटा स्टील की नोवामुंडी खदान से निकाले गये लौह अयस्क का चालान देने पर खान विभाग ने रोक लगा दी है. इसके चलते नोवामुंडी से लौह अयस्क का उत्पादन ठप हो गया है. पिछले दो सप्ताह से लौह अयस्क का उत्पादन एवं डिस्पैच बंद है. टाटा स्टील ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज(बीएसइ) को इस बाबत जानकारी दी है.
कंपनी द्वारा कहा गया है कि झारखंड सरकार के खान विभाग ने झारखंड में अपनी नोवामुंडी लौह-अयस्क खान से जमशेदपुर के इस्पात संयंत्र में लौह अयस्क पहुंचाने के लिए चालान जारी करने पर रोक लगा दी है. कंपनी ने कहा ‘इससे नोवामुंडी से जमशेदपुर इस्पात संयंत्र में लौह अयस्क नहीं पहुंच पा रहा है.’
क्या है मामला
31 दिसंबर 2014 को टाटा स्टील की नोवामुंडी लौह अयस्क माइंस के लीज नवीकरण की शर्तो के तहत कंपनी को 3500 करोड़ रुपये राज्य सरकार को देना है. इसमें पहली किस्त के रूप में टाटा स्टील 152 करोड़ रुपये दे चुकी है. दूसरी किस्त के रूप में 421 करोड़ रुपये भुगतान करने की मांग खान विभाग द्वारा किया जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में कंपनी की राय अलग है. कहा गया है कि अबतक लीज नवीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. इसी दौरान जनवरी में एमएमडीआर (संशोधन) एक्ट 2015 आ गया. इसके तहत सभी माइंस की लीज 2030 तक बढ़ा दी गयी है. टाटा स्टील का इस मुद्दे को लेकर खान विभाग के साथ विवाद चल रहा है.
खान विभाग का तर्क है कि लीज नवीकरण की प्रक्रिया एक्ट के पूर्व आरंभ की गयी थी. कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गयी थी. इसके तहत कुल 3500 करोड़ टाटा स्टील को लीज नवीकरण के रूप में देना था. कंपनी जब 152 करोड़ रुपये दे चुकी है, तब अगली किस्त क्यों नहीं दे रही है.
खान विभाग द्वारा राशि के तर्क को सही ठहराते हुए एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजी गयी है. फिलहाल मामला सीएम के निर्णय के इंतजार में है. दूसरी ओर खान विभाग द्वारा टाटा स्टील के चालान पर रोक लगा दी गयी है.
3500 मजदूरों के पास काम नहीं
नोवामुंडी खदान में 3500 मजदूर कार्यरत हैं. कंपनी के एक अधिकारी के अनुसार फिलहाल सारे लोग बेकार बैठे हुए हैं. यदि जल्द ही निर्णय नहीं लिया गया तो कंपनी को मजबूरन इनकी छंटनी करनी पड़ेगी.

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