नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस को क्रमश: ब्रिटिश और जापानी ‘एजेंट’ कहे जाने पर उनके खिलाफ संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित प्रस्ताव निरस्त कराने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. पूर्व न्यायाधीश ने अपने फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया कि संसद के दोनों सदनों ने उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दिये बगैर ही उनके बयान के लिए उनकी निंदा की. भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति काटजू ने अपनी याचिका के साथ फेसबुक पोस्ट संलग्न किया है. न्यायमूर्ति काटजू ने याचिका में लोकसभा और राज्य सभा में क्रमश: 12 और 11 मार्च को उनके खिलाफ पारित प्रस्ताव निरस्त करने का अनुरोध किया है. न्यायमूर्ति काटजू ने अपने पोस्ट में लिखा है, नैसर्गिक न्याय का यह बुनियादी सिद्धांत है कि किसी को सुने बगैर उसकी निंदा नहीं की जानी चाहिए. भारतीय संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने एकजुट होकर एक स्वर में मेरी निंदा की है. विकल्प के रूप में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि व्यक्तिगत रूप से या उनके द्वारा नामित वकील के माध्यम से उनका पक्ष सुना जाये.
BREAKING NEWS
संसद के प्रस्ताव के खिलाफ जस्टिस काटजू पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस को क्रमश: ब्रिटिश और जापानी ‘एजेंट’ कहे जाने पर उनके खिलाफ संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित प्रस्ताव निरस्त कराने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. पूर्व न्यायाधीश ने अपने फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया कि संसद […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement