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बेहतर कार्यकुशलता के लिए किये जा रहे तबादले
सीएम के प्रधान सचिव ने कहा जो जहां पदस्थापित किये गये हैं, उन्हें सीएम ने दो वर्ष तक मौका देने को कहा है रांची : लगातार हो रहे तबादलों पर राज्य सरकार ने अपने सफाई देते हुए इसे बेहतर कार्यशैली बनाने के लिए जायज ठहराया है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सूचना भवन […]
सीएम के प्रधान सचिव ने कहा
जो जहां पदस्थापित किये गये हैं, उन्हें सीएम ने दो वर्ष तक मौका देने को कहा है
रांची : लगातार हो रहे तबादलों पर राज्य सरकार ने अपने सफाई देते हुए इसे बेहतर कार्यशैली बनाने के लिए जायज ठहराया है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सही व्यक्ति को सही कार्य देना और सही कार्य के लिए सही व्यक्ति को चुनने के उद्देश्य से ही तबादले किये जा रहे हैं. यह गवर्नेस का हिस्सा है व बेहतर कार्मिक प्रबंधन का हिस्सा है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अब तक 80 आइएएस अधिकारियों का तबादला किया है. वहीं 67 आइपीएस का तबादला किया गया है.
प्रधान सचिव ने कहा कि कुछ लोग ताबड़तोड़ तबादले का आरोप लगा रहे हैं. जबकि तबादला सरकार के कार्यो का ही हिस्सा है. सरकार की ओर से बेहतर व व्यवस्थित कार्मिक प्रबंधन किया जा रहा है. सही लोगों की तलाश सही काम के लिए की जा रही है. जो जिस कार्य के योग्य हैं, उन्हें वही कार्य दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री करप्शन पर जीरो टोलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं. इसके लिए वह अधिक से अधिक आइटी का इस्तेमाल करना चाहते हैं. ईमानदारी के साथ कार्यकुशल प्रशासन देना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है.
उन्होंने बताया कि पिछले तीन चार महीनों में कई लोगों को प्रोन्नति दी गयी है. अवर सचिव को उपसचिव, उपसचिव को संयुक्त सचिव में प्रोन्नति दी गयी है. 155 इंस्पेक्टर डीएसपी बनाये गये हैं. एएसआइ को एसआइ बनाया गया है. जाहिर है प्रोन्नति होगी तो पदस्थापना भी होगी ही.
वहीं पहले डीडीसी के पद पर कनीय अधिकारी रहते थे. अब इस पद के लिए जो योग्य संयुक्त सचिव हैं उन्हें दिया गया है. सरकारी अधिकारियों में बेहतर दक्षता आये इसके लिए कुछ तबादला आवश्यक भी होता है. प्रधान सचिव ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि डीसी बनाया गया है, जबकि उनका निजी अनुभव है कि डीसी बनना कोई पुरस्कार नहीं होता. सरकार उग्रवाद पर नियंत्रण करने के लिए आइपीएस के तबादले कर रही है.संजय कुमार ने कहा कि सरकार में पदाधिकारियों की काफी कमी है, जिसके चलते भी कई बार तबादला करना पड़ता है.
बिजली बोर्ड में होंगे प्रोफेशनल एमडी
एक सवाल के जवाब में प्रधान सचिव ने कहा कि बिजली बोर्ड में आइएएस अधिकारियों की नियुक्ति इसलिए की गयी थी कि बेहतर प्रबंधन हो सके. बिजली बोर्ड में चार कंपनियां है.
चारों कंपनियों के प्रबंध निदेशक व दो निदेशकों की नियुक्ति के लिए टर्म्स ऑफ रिफरेंस बनाये जा रहे हैं. एक माह में इसे कैबिनेट के लिए भेज दिया जायेगा. इसके बाद विज्ञापन निकाल कर आवेदन मंगाये जायेंगे. फिर बिजली कंपनियों में प्रोफेशनल निदेशकों की नियुक्ति होगी, ताकि इसे आगे बढ़ाया जा सके.
मनोज कुमार मामले में कार्रवाई होगी
बोकारो के डीसी मनोज कुमार के मामले में उठाये गये सवाल पर संजय कुमार ने कहा कि पूरे मामले की जांच चल रही है. गलत पाये जाने पर कार्रवाई होगी. गौरतलब है कि मनोज कुमार ने अपना ही स्पेशल सीआर लिख कर अधिकारियों से दस्तखत करा लिया था.
उनके किसी भी सीआर पर रिपोर्टिग अथॉरिटी, रिव्यूविंग अथॉरिटी और एक्सेपटिंग अथॉरिटी के सक्षम पदाधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं थे. स्पेशल सीआर पूरे सेवाकाल में सिर्फ और सिर्फ एक ही वर्ष के लिए मिल सकता है. लेकिन इन्होंने सात साल के लिए स्पेशल सीआर बनाया था. इनके दूसरे सीआर का प्रारूप कैबिनेट के प्रारूप से अलग था.
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