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आर्सेनिक प्रभावितों को 10 मिनट भी पानी नहीं
राजधानी का पत्थलकुदवा मोहल्ला हर परिवार का एक व्यक्ति हर समय सप्लाई नल के सामने बैठा रहता है रांची : वार्ड नं 14 के पत्थलकुदवा मोहल्ले के लोगों पर कुदरत व सरकार की दोहरी मार पड़ी है. पहले मोहल्ले के पानी में तय मानक से अधिक मात्र में आर्सेनिक निकला. आर्सेनिक निकलने के बाद जब […]
राजधानी का पत्थलकुदवा मोहल्ला
हर परिवार का एक व्यक्ति हर समय सप्लाई नल के सामने बैठा रहता है
रांची : वार्ड नं 14 के पत्थलकुदवा मोहल्ले के लोगों पर कुदरत व सरकार की दोहरी मार पड़ी है. पहले मोहल्ले के पानी में तय मानक से अधिक मात्र में आर्सेनिक निकला. आर्सेनिक निकलने के बाद जब मामला सरकार के पास पहुंचा, तो मोहल्ले में पाइपलाइन बिछायी गयी. पाइपलाइन बिछाने से मोहल्ले के लोगों को लगा कि चलो अब इस आर्सेनिक युक्त पानी से मुक्ति मिलेगी.
शुरुआत में इस पाइपलाइन से पानी का सप्लाइ हुआ, परंतु कुछ ही दिनों में लोगों की खुशियां काफूर हो गयी. जिस पाइपलाइन में कभी दो घंटा से तीन घंटा तक पानी आता था, आज उस मोहल्ले में 10 मिनट से अधिक समय तक पानी नहीं आ रहा है.
पानी की किल्लत से मोहल्ले के लोग इस कदर परेशान हैं कि हर परिवार का एक व्यक्ति हर समय सप्लाइ नल के समक्ष बैठा रहता है कि जैसे ही पानी आये, उसे जमा कर सकें.
भूगर्भ जल के पीने व खाने पर लगायी गयी है रोक
मोहल्ले के जल में आर्सेनिक काफी अधिक मात्र में है. इसका खुलासा 14 नवंबर को हुआ था. जल में आर्सेनिक पाये जाने के बाद सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, पेयजल विभाग के द्वारा पत्थलकुदवा व उसके आसपास के मोहल्ले के 20 से अधिक घरों से पीने का पानी का सैंपल लिया गया.
सैंपल की जांच में यह बात सामने आयी कि इन सभी बोरिंगों में आर्सेनिक की मात्र तय मानक से काफी अधिक है. जिसके बाद नगर निगम के द्वारा मोहल्ले के लोगों को यह बताया गया कि यहां का भूगर्भ जल जहरीला हो चुका है, इसलिए कुआं व बोरिंग का पानी न पीया जाये, बल्कि इसका उपयोग केवल नहाने व बरतन धोने के लिए करें.
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