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विभाग की रिक्तियों का असर राजस्व वसूली पर
रांची : वाणिज्य कर विभागों में अफसरों और बाबुओं की भारी कमी है. विभाग में कुल स्वीकृत पदों के आधे से भी कम कर्मी भी कार्यरत नहीं हैं. संयुक्त आयुक्त से लेकर सीटीओ तक के पद खाली हैं. कुल 379 पदों में से 161 खाली पड़े हुए हैं. अधिकारियों का कमी का सीधा असर राजस्व […]
रांची : वाणिज्य कर विभागों में अफसरों और बाबुओं की भारी कमी है. विभाग में कुल स्वीकृत पदों के आधे से भी कम कर्मी भी कार्यरत नहीं हैं. संयुक्त आयुक्त से लेकर सीटीओ तक के पद खाली हैं.
कुल 379 पदों में से 161 खाली पड़े हुए हैं. अधिकारियों का कमी का सीधा असर राजस्व वसूली पर पड़ रहा है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में पिछले तीनों वर्षो के दौरान सबसे कम राजस्व की वसूली हुई है. विभाग में बाबू (क्लर्क) भी नहीं है. वर्ष 1979 के बाद से विभाग में क्लर्क की बहाली नहीं हुई है. बिहार से विभाजन के होने के बाद झारखंड सरकार ने एक बार भी वाणिज्य कर विभाग में बहाली नहीं की.
नतीजा, विभाग के ज्यादातर क्लर्क सेवानिवृत्त हो चुके हैं. जो बचे हैं, वे भी जल्द ही सेवानिवृत्त हो जायेंगे. फिलहाल विभाग में सेवानिवृत्त कर्मियों को संविदा पर रख कर किसी तरह से काम चलाया जा रहा है.
इधर, राज्य सरकार ने अस्थायी चेक पोस्ट की चौकियों पर वाणिज्य कर पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. इससे वाणिज्य कर के सभी अंचलों में सामान्य कार्यो का निष्पादन भी मुश्किल से हो पा रहा है. अफसरों और कर्मचारियों के कमी के मद्देनजर झारखंड वित्त सेवा संघ ने जांच चौकियों को एक कार्यालय घोषित कर अतिरिक्त पदों के सृजन की मांग की है.
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