रांची. इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स स्थानीयता नीति के निर्धारण के लिए सिविल सोसाइटी, बुद्धिजीवियों व सरकारी नुमाइंदों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने की वकालत करती है.
झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद इका निर्धारण न होना दुर्भाग्यपूर्ण है. नीति नहीं बनने से राज्य का विकास बाधित हुआ है. यह बात एक्सआइएसएस सभागार में डोमिसाइल व स्थानीयता के मुद्दे पर आयोजित संगाष्ठी में उभर कर आयी.
इसमें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन व उनके मसौदे, भारतीय संविधान, सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट, पेसा कानून, शिड्यूल एरिया रेगुलेशन, पांचवी अनुसूची के संवैधानिक प्रावधानों, पंचायती राज अधिनियम व स्थानीय निकाय अधिनियम विस्तृत चर्चा हुई. विरेंद्र बर्मन, फादर स्टेन स्वामी, साइगत तोपनो, लक्ष्मी नारायण महतो, निशात अहमद, राजेंद्र राम, उषा श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार इन कानून के प्रावधानों को सख्ती से लागू करे. केडी सिंह, योगेंद्र प्रसाद, एसएम दास, सालखन मुमरू, आरपी साहू, केके रशीदी, उत्तम कुजूर, अजय शंकर, सुभाष साहू मौजूद थे.