मामला सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 62 से 65 वर्ष करने कारांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सोमवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कांके के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 62 वर्ष से बढ़ा कर 65 वर्ष करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद राज्य सरकार व कृषि विश्वविद्यालय से जवाब तलब किया. अदालत ने पूछा कि जब सीनेट ने शिक्षक व समकक्ष पदों पर कार्यरत लोगों की उम्रसीमा 62 से 65 वर्ष करने की अनुशंसा की थी, तो यह लाभ सिर्फ शिक्षकों को ही क्यों दिया गया. शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि विश्वविद्यालय की सीनेट ने बैठक कर शिक्षक, वैज्ञानिक व समकक्ष पदों पर काम करनेवालों की उम्र सीमा 62 से बढ़ा कर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया था. सीनेट के फैसले के बाद कैबिनेट ने सहमति दी. इसके बाद राज्य सरकार ने 18 अक्तूबर 2014 को विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा बढ़ाने संबंधी आदेश जारी कर दिया. सरकार का आदेश सीनेट के फैसले के अनुरूप नहीं है. साथ ही सरकार को सीनेट का फैसला बदलने का भी अधिकार नहीं है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शंकर कुमार सिंह ने याचिका दायर कर सरकार के आदेश को चुनौती दी है.
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राज्य सरकार और कृषि विश्वविद्यालय से जवाब तलब
मामला सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 62 से 65 वर्ष करने कारांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सोमवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कांके के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 62 वर्ष से बढ़ा कर 65 वर्ष करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद […]
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