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सीआरपीएफ सेंटर के लिए मुसाबनी में 165 एकड़ जमीन
रांची : सीआरपीएफ को ग्रुप सेंटर बनाने के लिए मुसाबनी में 165 एकड़ जमीन देने का फैसला लिया गया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में इसका फैसला लिया गया. इस ग्रुप सेंटर से सीआरपीएफ के पांच बटालियन को जोड़ा जायेगा, ताकि सीआरपीएफ के जवानों को और सुविधाएं दी जा सके. […]
रांची : सीआरपीएफ को ग्रुप सेंटर बनाने के लिए मुसाबनी में 165 एकड़ जमीन देने का फैसला लिया गया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में इसका फैसला लिया गया. इस ग्रुप सेंटर से सीआरपीएफ के पांच बटालियन को जोड़ा जायेगा, ताकि सीआरपीएफ के जवानों को और सुविधाएं दी जा सके.
अभी सीआरपीएफ के कई बटालियन सुविधाओं के लिए लखनऊ स्थित ग्रुप सेंटर पर आश्रित हैं. मुसाबनी में ग्रुप सेंटर खुलने के बाद उनकी समस्याएं खत्म हो जायेंगी.
शाम में सीआरपीएफ कैंप में मुख्य सचिव ने नक्सली इलाकों में स्थित सीआरपीएफ कैंप की स्थिति, सीआरपीएफ द्वारा चलाये जा रहे अभियान आदि की समीक्षा की. बैठक में सीआरपीएफ के आइजी आरके मिश्र और एसटीएफ के आइजी आरके मल्लिक ने नक्सल इलाकों की स्थिति के बारे में मुख्य सचिव को जानकारी दी. प्रेजेंटेशन के जरिये बताया कि झारखंड में सीआरपीएफ की 115 बेस कैंप हैं. इसमें से 80 बेस कैंप नक्सल प्रभावित इलाकों में है. 20 नये बेस कैंप बनाये गये हैं, जिन्हें आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल पायी है. मुख्य सचिव ने सीआरपीएफ के अधिकारियों से कहा कि वे नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखें. सरकार हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायेगी. बैठक में गृह सचिव एनएन पांडेय, डीजीपी राजीव कुमार, स्पेशल ब्रांच के एडीजी रेजी डुंगडुंग और आइजी प्रोविजन अनुराग गुप्ता उपस्थित थे.
सीआरपीएफ को भी दे सकते हैं राशि: बैठक में सीआरपीएफ की तरफ से मुख्य सचिव को बताया गया कि नक्सल प्रभावित इलाकों के बेस कैंप तक सड़क आदि बनाने और कैंप में सुविधाएं जुटाने के लिए सीआरपीएफ खुद भी काम कर सकती है. इस पर मुख्य सचिव ने सीआरपीएफ के अधिकारियों से कहा कि किसी काम को पूरा कराने के लिए उन्हें सीआरपीएफ को राशि देने में कोई दिक्कत नहीं है.
यूनीफाइड कमांड की बैठक का मामला उठा
नक्सल प्रभावित राज्यों में यूनीफाइड कमांड बनाने का निर्देश कई साल पहले केंद्र सरकार ने दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने झारखंड में यूनीफाइड कमांड का गठन किया था, लेकिन इसकी बैठक ही नहीं होती है. राज्य के मुख्यमंत्री इस कमांड के अध्यक्ष होते हैं. मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और सीआरपीएफ के आइजी कमांड के सदस्य होते हैं. सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शुक्रवार को मुख्य सचिव से यूनीफाइड कमांड का मामला भी उठाया.
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