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स्वास्थ्य सेवा में कोताही बरदाश्त नहीं : रघुवर

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित अपने सभा कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा आपात सेवा है, इसमें किसी तरह की कोई कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. जनता चिकित्सा के लिए इंतजार नहीं कर सकती. गरीब जनता को इलाज चाहिए, दवाएं चाहिए. अत: यह सुनिश्चित […]

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित अपने सभा कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा आपात सेवा है, इसमें किसी तरह की कोई कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. जनता चिकित्सा के लिए इंतजार नहीं कर सकती. गरीब जनता को इलाज चाहिए, दवाएं चाहिए. अत: यह सुनिश्चित करें कि इसमें कोई विलंब नहीं हो.
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के तहत बन रहे अस्पताल भवनों तथा चिकित्सकों एवं दवाओं की उपलब्धता के संबंध में विस्तृत समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राज्य में जिन अस्पताल भवनों का निर्माण हो चुका है, उसे शीघ्र चालू कराएं. चिकित्सा भवन के निर्माण के साथ-साथ वहां चिकित्सा सुविधा आम लोगों को देने के लिए अन्य व्यवस्थाओं की भी तैयारी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी अनेक शिकायतें मिल रही हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद रहते हैं, चिकित्सक अनुपलब्ध हैं, दवाएं समाप्त हो चुकी हैं. ऐसी व्यवस्था से जनता को स्वास्थ्य सुविधा देना संभव नहीं है. विभाग यह आकलन स्वयं करे कि कमियां कहां हैं एवं उन कमियों का हल भी वह स्वयं निकाले. हर कार्य के लिए विभाग समय सीमा स्वयं निर्धारित करे एवं समयबद्घ तरीके से कार्य करे. जनता को स्वास्थ्य सुविधा चाहिए एवं सरकार को परिणाम चाहिए.
चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरा जाये
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाये. उन्होंने विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति के संबंध में नियमावली मंत्रिमंडल के समक्ष शीघ्र लाने का निदेश दिया. राज्य में बननेवाले तीन चिकित्सा महाविद्यालयों के संबंध में उन्होंने कहा कि भूमि का चयन शीघ्र किया जाये. जमीन चयन के बिना भविष्य में किसी भी योजना की स्वीकृति नहीं करने का उन्होंने निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि किसी भी हाल में दवा की कमी नहीं होनी चाहिए. प्रक्रिया को सरल करें और दवा उपलब्ध कराएं. भारत सरकार द्वारा प्राप्त राशि के व्यय की स्थिति के संबंध में अब तक मात्र 50 प्रतिशत व्यय होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था में शीघ्र सुधार हो.

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अन्य विकसित राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था कैसी है इसका अध्ययन करें और अपने राज्य की स्वास्थ्य सेवा में उसके अनुसार सुधार लायें. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु एवं राजस्थान में राज्य सरकार की ओर से उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी उन राज्यों में जाकर वहां की व्यवस्था का अध्ययन करें एवं तदनुसार प्रस्ताव दें. मुख्यमंत्री ने पीपीपी मोड पर अस्पतालों को चलाने के संबंध में भी स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मांगी. इस संबंध में उन्होंने अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन करने का निर्देश दिया. बैठक में अपर मुख्य सचिव बीके त्रिपाठी, वित्त विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा, निदेशक प्रमुख डॉ सुमंत मिश्र समेत स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

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