रांची: निगरानी ने देवघर, दुमका और गिरिडीह में सोलर लाइट खरीद में हुई गड़बड़ी से संबंधित आरंभिक जांच पूरी कर ली है. जांच रिपोर्ट निगरानी ने गुरुवार को सरकार को भेज दी है. निगरानी ने जांच में पाया कि आस्था क्रियेशन कंपनी से सोलर स्ट्रीट लाइट और सोलर होम अधिक कीमत पर खरीदी गयी. इस कारण सरकार को 52 लाख रुपये का अधिक भुगतान करना पड़ा.
उल्लेखनीय है कि देवघर, दुमका, गिरिडीह और गोड्डा में सोलर लाइट खरीद मामले में हुई गड़बड़ी से संबंधित जांच निगरानी ने वर्ष-2013 मार्च माह में सरकार के निर्देश पर शुरू की थी.
सोलर लाइट की खरीदारी वर्ष 2009-10 के दौरान हुई थी. निगरानी ने जांच में पाया कि गोड्डा में सोलर लाइट की खरीदारी नहीं हुई थी, जबकि तीन अन्य जिलों में 695 पीस सोलर स्ट्रीट लाइट और 619 पीस सोलर लाइट की खरीदारी हुई थी. खरीदे गये लाइट के एवज में प्रति लाइट बाजार मूल्य से कंपनी को अधिक का भुगतान का किया गया. सोलर स्ट्रीट लाइट में प्रति लाइट साढ़े चार हजार रुपये और होम स्ट्रीट लाइट में प्रति लाइट तीन हजार अधिक का भुगतान किया गया था.
निगरानी में परचेज कमेटी में शामिल तत्कालीन तीन डीडीसी नरेंद्र कुमार मिश्र, उपेंद्र नारायण उरांव, सुरेंद्र प्रसाद सहित देवघर के तत्कालीन डीसी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किये हैं, जिस पर अंतिम निर्णय सरकार को लेना है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में सोलर लाइट खरीद मामले में एक रिपोर्ट निगरानी ने सरकार के पास भेजी थी, जिसमें सोलर लाइट के एवज में 45 लाख रुपये अधिक भुगतान कंपनी को किये जाने का मामला सामने आया था. जांच के दौरान निगरानी को कुछ और तथ्य मिले, जिसके आधार पर अब 52 लाख रुपये से अधिक भुगतान करने संबंधी साक्ष्य निगरानी को मिले हैं.