तसवीर लगा दें सिटी में है वरीय संवाददाता रांची : मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी व गीता जयंती मंगलवार को है. सोमवार की रात 11.30 बजे से मंगलवार की रात साढ़े नौ बजे तक एकादशी तिथि है. आज ही के दिन महाभारत में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. इसी कारण इस एकादशी को गीता जयंती मनायी जाती है. इस दिन गीता के पूजन का भी महत्व है. इस तिथि को गीता के संपूर्ण पाठ अथवा ग्यारहवें अध्याय के पाठ का विशेष महत्व है. समय की कमी होने पर सिर्फ 18वें अध्याय का पाठ कर लेने से उन्हें संपूर्ण गीता पाठ का लाभ मिलता है. वहीं नियमित रूप से 11वें अध्याय के पाठ का भी बहुत महत्व है. ऐसा करने से भक्तों के पाप नष्ट हो जाते हंै और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. डॉ सुनील बर्म्मन ने कहा कि इस एकादशी को भगवान कृष्ण के दामोदर रूप की पूजा की जाती है. इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हंै और अंत में स्वर्ग लोक की प्राप्ति हो जाती है. वहीं मोक्ष प्रदान करने व चिंताएं भी दूर हो जाती है. मंगलवार की रात को ही एकादशी तिथि समाप्त हो जाने के कारण बुधवार को प्रात : सूर्योदय के बाद भगवान का पूजन व दान पुण्य कर पारण कर लें. अगली एकादशी पौष मास की सफला एकादशी है. यह 18 दिसंबर को है. गुरुवार को एकादशी पड़ने के कारण इसकी महत्ता काफी बढ़ गयी है.
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मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती आज
तसवीर लगा दें सिटी में है वरीय संवाददाता रांची : मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी व गीता जयंती मंगलवार को है. सोमवार की रात 11.30 बजे से मंगलवार की रात साढ़े नौ बजे तक एकादशी तिथि है. आज ही के दिन महाभारत में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया […]
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