मैडम की बेचैनी सब किस्मत का फेर है. कभी-कभी किस्मत तू डाल-डाल, मैं पात-पात का रुख अपना लेती है. मैडम के साथ भी यही हुआ है. हवा-पानी देख उन्होंने लहर में डुबकी लगायी थी, पर किस्मत की रेखा साफ नहीं हुई. घर के बड़े पहले वर्षों तक हाथ में हाथ डाले रहे. इधर, गोल गलतफहमी में थे कि मोहतरमा का मिजाज जल-जंगल-जमीन वाला है. पर मैडम ने अपने चश्मे से दूर का देख लिया. हाथ छुड़ा कर लहर गिनने लगी. जिस दिन के लिए यह सब किया था, वह दिन भी आ गया. पर सब साफ होते ही लहर से निकल कर हाथ मलने के अलावा कुछ न बचा. भकुआइ हुई थीं. सबसे पूछने लगीं..का करें. उनको जल्दी है, दौड़ कर लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश कर जाना चाहती हैं, इसलिए जोगाड़ में हैं. इधर-उधर भी देख रही हैं. बाजार बनाने के लिए मैडम ने अपने कुछ समर्थकों से कानाफूसी करवायी है कि वह बगैर किसी दल के वोट मांगेगी. उन्हें जानने वाले कह रहे हैं कि सब मैडम की चाल है. सामाजिक कार्यकर्ता रहते-रहते वह कब जमीन की दलाली में लग गयी, पता ही नहीं चला. आज कल माल कमाने का भूत सवार है. अब क्षेत्र में घोषित प्रत्याशी का सहारा बनेगी कि पैर खिंचेगी, कहना मुश्किल है.
BREAKING NEWS
मैडम चश्मे से ही दूर की देख ली (कानाफूसी)
मैडम की बेचैनी सब किस्मत का फेर है. कभी-कभी किस्मत तू डाल-डाल, मैं पात-पात का रुख अपना लेती है. मैडम के साथ भी यही हुआ है. हवा-पानी देख उन्होंने लहर में डुबकी लगायी थी, पर किस्मत की रेखा साफ नहीं हुई. घर के बड़े पहले वर्षों तक हाथ में हाथ डाले रहे. इधर, गोल गलतफहमी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement