उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया शासनादेशजांच प्रक्रिया में भी तेजी लाने के हुए उपायएजेंसियां लखनऊउत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों के दफ्तरों में अब महिला सहकर्मियों के साथ यौन दुर्व्यवहार या उत्पीड़न करने की भारी कीमत चुकानी होगी. प्रदेश के कार्मिक विभाग के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि अगर कोई कर्मचारी अपने दफ्तर में किसी महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया जायेगा, तो एक निश्चित अवधि तक उसकी वेतनवृद्धि रोकी जायेगी, सेवा पुस्तिका में प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी या पदोन्नति रोकने जैसा दंड दिया जायेगा.उन्होंने बताया कि सरकारी दफ्तरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली’ में संशोधन किया है. इस सिलसिले में शासनादेश पिछले हफ्ते जारी किया जा चुका है. अधिकारी ने बताया कि सरकार ने उत्पीडि़त महिलाकर्मी को जल्द न्याय दिलाने के लिये अनेक जांच प्रक्रियाओं की व्यवस्था खत्म कर दी है. अब तक यौन उत्पीड़न के मामलों में प्रारंभिक जांच की जाती थी और आरोप सही पाये जाने पर उसकी विस्तृत जांच करायी जाती थी. इसमें कई साल तक लग जाते थे.नये प्रावधान के तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत कार्यस्थल के प्रभारी तथा नियुक्ति प्राधिकारी से की जाती है, तो एक समिति उसकी जांच करेगी और उसकी रिपोर्ट को ही जांच का नतीजा माना जायेगा. उसके बाद कोई और जांच कराना जरूरी नहीं होगा.
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महिला सहकर्मी से बदसलूकी पर विभाग उठायेगा सख्त कदम
उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया शासनादेशजांच प्रक्रिया में भी तेजी लाने के हुए उपायएजेंसियां लखनऊउत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों के दफ्तरों में अब महिला सहकर्मियों के साथ यौन दुर्व्यवहार या उत्पीड़न करने की भारी कीमत चुकानी होगी. प्रदेश के कार्मिक विभाग के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि अगर कोई कर्मचारी अपने दफ्तर में […]
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