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राजनीति ने 2020 का अपने अंदाज में किया आगाज, लोस में भाजपा की भरी झोली, विस चुनाव में किया सत्ता से बेदखल
आनंद मोहन रांची : राजनीति ने 2020 का आगाज अपने ही अंदाज में किया है़ राजनीति की बिसात पर जनता ने भी खूब गोटियां चली़ राजनीतिक दल दावे-प्रतिदावे करते रहे, राजनीतिक भविष्यवाणियां होती रहीं. वर्ष का अंत होते-होते झारखंड की राजनीति उथल-पुथल भरी रही, तो जनता भी अपनी राह चली पिछले वर्ष मई में लोकसभा […]
आनंद मोहन
रांची : राजनीति ने 2020 का आगाज अपने ही अंदाज में किया है़ राजनीति की बिसात पर जनता ने भी खूब गोटियां चली़ राजनीतिक दल दावे-प्रतिदावे करते रहे, राजनीतिक भविष्यवाणियां होती रहीं. वर्ष का अंत होते-होते झारखंड की राजनीति उथल-पुथल भरी रही, तो जनता भी अपनी राह चली
पिछले वर्ष मई में लोकसभा का चुनाव हुआ़ 14 में से 12 सीट भाजपा के खाते में गयी़ लोकसभा चुनाव में झारखंड की जनता मोदी की राह चली और भाजपा की झोली सीटों से भर दी. लेकिन साल खत्म होने से पहले यानी सात महीने बाद विधानसभा चुनाव हुए़ और देखते ही देखते चंद महीनों में मतदाताओं ने उसी भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया़ राजनीतिक दल झांकते-हांफते रह गये, लेकिन जनता ने तो मूड ही बदल दिया था़ हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला़ कांग्रेस को तो जैसे जनता ने संजीवनी बूटी ही पिला दी़ पस्त कांग्रेस अब झारखंड में उठ खड़ी हुई है़
नये वर्ष में जनता ने किसी को तोहफा दिया, तो तोड़ा किसी का दिल
पार्टियां टूटी, प्रदेश अध्यक्ष तक ने बदला पाला, खूब चला दल-बदल
पिछले वर्ष को राजद भुला नहीं पायेगा़ राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी भाजपा चली गयीं. कोडरमा से लोकसभा का चुनाव लड़ीं और जीत कर सांसद बनीं. उन्होंने अपने लिए नयी राह तो तलाश ली, लेकिन राजद को बड़ा घाव मिला़ पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह, जनार्दन पासवान सहित कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया कांग्रेस पार्टी भी बिखरी-बंटी़
यहां तक कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार आप पार्टी में चले गये, तो पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत, विधायक दल के नेता रहे व पूर्व मंत्री मनोज यादव भाजपा में चले गये़ पिछले साल कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका था़ दलबदल का खेल ऐसा चला कि कोई पार्टी अछूती नहीं रही़ जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो कांग्रेस चले गये़ झामुमो के विधायक कुणाल षाडंगी, जेपी पटेल ने भी पार्टी छोड़ दी.
बाबूलाल-सुदेश को विदा होते साल ने दिया तोहफा, हुआ कम-बैक
झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और आजसू अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो के लिए विदा हुए साल ने तोहफा दे दिया़ श्री मरांडी पहले पांच चुनाव हार चुके थे. वहीं, श्री महतो दो चुनाव में शिकस्त खा चुके थे़ राज्य के इन दो बड़े नेताओं का विधानसभा में कम-बैक हुआ़ दोनों चुनाव जीते़ पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की के लिए भी यह वर्ष शुभ रहा़ मांडर से चुनाव जीत कर आये़
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा दो-दो चुनाव हारे
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के लिए पिछला साल सिला दे गया़ श्री गिलुवा लोकसभा का चुनाव हारे, तो सात महीने में विधानसभा का चुनाव भी हार गये़ भाजपा की साख इनके चुनाव हारने से गिरी़ राज्य के दो विधायकों ने लोकसभा का रास्ता तय किया़ आजसू के विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी और गीता कोड़ा सांसद बनीं.
साढ़े तीन वर्ष बाद आया दलबदल पर फैसला
झारखंड की राजनीति में खूब दांव-पेंच चले गये. झाविमो के आठ में से छह विधायक भाजपा के हो गये 10वीं अनुसूची के तहत इन विधायकों पर स्पीकर दिनेश उरांव के न्यायाधिकरण में दलबदल का मामला चला़ कानूनी प्रक्रिया साढ़े तीन वर्ष तक चली़ स्पीकर के न्यायाधिकरण में दोनों पक्षों की अपनी-अपनी दलील चलती रही़ साढ़े तीन वर्ष बाद स्पीकर दिनेश उरांव ने फैसला सुनाया़ छह विधायक दलबदल के आरोप से मुक्त हुए़ विधायकों के पक्ष में फैसला आया इस पर सबकी नजरें टिकीं थी़ं
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