रांची : बिरसा कृषि विवि ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव को गोद लेने का निर्णय लिया है. गांव में कृषि कार्यक्रमों की संभावनाओं के आकलन के लिए शनिवार को बीएयू वैज्ञानिकों का दो दल उलिहातू पहुंचा. कृषकों और बिरसा मुंडा के पौत्र सुखराम मुंडा से मुलाकात की.
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बीएयू के कृषि वैज्ञानिकों ने उलिहातू का भ्रमण किया
रांची : बिरसा कृषि विवि ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू गांव को गोद लेने का निर्णय लिया है. गांव में कृषि कार्यक्रमों की संभावनाओं के आकलन के लिए शनिवार को बीएयू वैज्ञानिकों का दो दल उलिहातू पहुंचा. कृषकों और बिरसा मुंडा के पौत्र सुखराम मुंडा से मुलाकात की. धान की परती भूमि, खेती […]
धान की परती भूमि, खेती के बादी खाली खेत, सिंचाई के साधन, उद्यान, पशुधन, कृषि वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधनों की जानकारी ली और विवि के कुलपति डॉ आरएस कुरील को अवगत कराया. कुलपति ने कहा कि उलिहातू गांव में कृषि कार्यक्रमों को लागू करने में आइसीएआर-अटारी निदेशक द्वारा वित्तीय सहायता देने का पत्र मिल चुका है.
उन्होंने केवीके, सिमडेगा के वरीय वैज्ञानिक डॉ शंकर कुमार सिंह को उलिहातू गांव में पशुधन, जैविक कृषि, मीठी क्रांति, बागवानी लाह की खेती आदि से संबंधित कृषि कार्यक्रमों की योजना तैयार करने का निर्देश दिया.
ये थे दल में शामिल : डॉ शंकर कुमार सिंह, डॉ हिमांशु सिंह, डॉ निभा बाड़ा, डॉ वलेरिया लकड़ा, डॉ शीला बारला, डॉ शशि किरण तिर्की, डॉ सुप्रिया सुपल सरीन व टीचिंग एसोसिएट स्नेहा कुमारी.
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