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झारखंड के 35 लाख किसानों को वंशावली के आधार पर अब मिल सकेगा प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ

रजिस्ट्रर-2 में नाम होना जरूरी नहीं नयी दिल्ली/रांची : प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने झारखंड को विशेष छूट दी है. सोमवार को दिल्ली में उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक में यह तय किया गया. अब वंशावली के अाधार पर तय सूची के आधार पर ही इस योजना का लाभ […]

रजिस्ट्रर-2 में नाम होना जरूरी नहीं
नयी दिल्ली/रांची : प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने झारखंड को विशेष छूट दी है. सोमवार को दिल्ली में उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक में यह तय किया गया. अब वंशावली के अाधार पर तय सूची के आधार पर ही इस योजना का लाभ झारखंड के 35 लाख किसानों को मिलेगा.
इसके लिए रजिस्ट्रर-2 में नाम होने की बाध्यता नहीं होगी. पहले प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ वैसे लाभुकों को मिल रहा था, जिनका नाम रजिस्टर-2 में दर्ज होता था. इससे झारखंड में लाभुकों की संख्या नहीं बढ़ रही थी. इसमें संशोधन का आग्रह राज्य सरकार ने केंद्र से किया था. केंद्र सरकार ने इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनायी थी.
कमेटी में केंद्र सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्रा, झारखंड भवन के स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल भी मौजूद थे. सोमवार को हुई कमेटी की बैठक में झारखंड को विशेष छूट देने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में अधिकांश जमीन वंशावली के आधार पर है और जमीन के रिकार्ड 1931 के हैं.
झारखंड की मांग थी कि वंशावली को आधार मान कर किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ मिले. साथ ही राज्य सरकार की ग्राम सभा के अनुमाेदन के आधार पर लाभार्थियों का चयन हो.
इस योजना के तहत जिसके नाम से जमीन और बैंक खाते होते हैं, उन्हीं के बैंक खाते में इस योजना की राशि पहुंचती है, जबकि झारखंड में अधिकांश जमीन वंशावली के आधार पर है और जमीन के कागजात अपने पूर्वजों के नाम पर है, जिसके कारण उस जमीन के वंशज को योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के इस मांग को स्वीकार कर लिया है .
राज्य सरकार के हर प्रस्ताव को कमेटी ने माना
झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार को जानकारी दी थी कि यहां वर्ष 1915 और 1937 के बाद सर्वे नहीं हुआ है. इस कारण लैंड रिकार्ड अद्यतन नहीं है. इससे लाभुकों की संख्या बढ़ाने में परेशानी हो रही थी. केंद्र से आग्रह किया गया था कि वंशावली आधारित सूची के लाभुकों को इसका लाभ दें. इसके लिए केंद्र सरकार ने नीति आयोग उपाध्यक्ष के नेतृत्व में कमेटी भी भेजी थी. वहीं, पीएम किसान स्कीम के सीइओ विवेक अग्रवाल को भी यहां भेजा था.
कैसे मिलेगा इसका लाभ
राज्य सरकार ने बताया था कि यहां एक किसानों की वंशावली तैयार करायी जायेगी. इस पर ग्रामसभा की आपत्ति ली जायेगी. आपत्ति की जांच हल्का कर्मचारी करेंगे. इसका सत्यापन अंचल निरीक्षक करेंगे. इस सूची को भी ग्राम सभा में रखा जायेगा. इसके बाद सूची अंचलाधिकारी के पास अनुमोदन के लिए जायेगा. वहां से एसडीओ और डीसी का अनुमोदन लिया जायेगा. इसके बाद सूची को पीएम पोर्टल में डाला जायेगा.
18 जून को 10.50 लाख लाभुकों के बीच बंटेगी राशि
राज्य सरकार पूर्व में वंशावली अाधारित सूची तैयार करने पर काम कर रही है. करीब छह लाख लाभुकों की सूची तैयार कर ली गयी है. इसी सूची को पीएम किसान पोर्टल में जोड़ा जायेगा. इनको 18 जून को पीएम किसान सम्मान योजना की पहली किस्त दी जायेगी. यह राशि करीब 120 करोड़ रुपये होगी.
इसी दिन पूर्व में एक किस्त ले चुके करीब 4.50 लाख किसानों को दूसरी किस्त दी जायेगी. यह राशि करीब 90 करोड़ रुपये होगी. पूरे जिले में समारोह का आयोजन होगा. रांची में खेलगांव स्थित टाना भगत स्टेडियम में समारोह का आयोजन होगा.
इसमें केंद्र सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को भी हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. राज्य सरकार ने तय किया है कि हर 15 दिनों में सूची को अपडेट कर राशि का भुगतान होगा. पूरी राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में जायेगी. सरकार ने उम्मीद जतायी है कि करीब 1000 करोड़ रुपये अगले पांच माह किसानों के खाते में जायेगी.
क्या है योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को खेती-बारी के लिए सालाना छह हजार रुपये केंद्र सरकार देगी. यह राशि तीन किस्तों में किसानों के खाते में जमा होंगे. इससे देश के 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. एक एकड़ से कम जमीन के लाभुकों को भी हर साल छह हजार रुपये मिलेंगे.

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