19 दिसंबर, 2018 को औरंगाबाद में घटना को िदया था अंजाम
रांची : बिहार के औरंगाबाद जिले के नगर थाना क्षेत्र स्थित एक ज्वेलरी दुकान में 19 दिसंबर 2018 को 40 लाख रुपये के जेवरात की हुई डकैती में शामिल एक संदिग्ध अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
अपराधी का नाम रूपेश कुमार विश्वकर्मा उर्फ पंकज है. वह मूल से गढ़वा जिला के भवनाथपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है. उसकी गिरफ्तारी औरंगाबाद पुलिस ने रांची पुलिस के सहयोग से अरगोड़ा थाना क्षेत्र से की है.
उसने घटना में शामिल एक अन्य सहयोगी के रांची में होने की जानकारी पुलिस को दी है. जिसके आधार पर पुलिस की टीम उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है. खबर यह भी है कि उसने लूटे गये जेवरात में मिले हिस्से को राजधानी के एक ज्वेलरी दुकान में बेचा है, जिसे बरामद करने का भी पुलिस प्रयास कर रही है. बताया जाता है कि रविवार को दुकान बंद होने की वजह से पुलिस कार्रवाई नहीं कर पायी.
पांच अपराधियों ने घटना को दिया था अंजाम : उल्लेखनीय कि पांच अपराधियों ने मिलकर ज्वेलरी दुकान में डकैती की थी. अपराधी दो बाइक पर सवार होकर आये थे.
इसके बाद हथियार के बल पर दुकान के कर्मियों को अपने कब्जे में ले लिया. विरोध करने पर एक कर्मी के साथ अपराधियों ने मारपीट भी की थी. हालांकि, घटना में शामिल अपराधी सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गये थे. जिसमें दो अपराधियों का चेहरा स्पष्ट आया था. जबकि अन्य अपराधी चेहरा ढंके हुए थे.
घटना के बाद औरंगाबाद पुलिस को कुछ अपराधियों के शामिल होने की जानकारी मिली थी. रूपेश की संलिप्तता की जानकारी मिलने पर औरंगाबाद पुलिस रांची पहुंची और उसकी तलाश में छापेमारी शुरू की. मामले की जानकारी मिलने पर एसएसपी अनीश गुप्ता ने इससे गंभीरता से लिया और छापेमारी के लिए अपनी स्पेशल टीम को लगाया और रूपेश को पकड़ने के बाद औरंगाबाद पुलिस के हवाले कर दिया. रूपेश ने पूछताछ में औरंगाबाद पुलिस को घटना में शामिल अन्य लोगों के नाम और पते की जानकारी दी है.
पहले भी जेल जा चुका है रूपेश
जानकारी के मुताबिक रूपेश कुमार पहली बार गढ़वा थाना से वर्ष 2007 में आर्म्स एक्ट के केस में जेल गया था. वर्ष 2008 में भी वह शक्तिपुंज ट्रेन लूटकांड में जेल गया था. उसके खिलाफ पूर्व में रातू थाना में आर्म्स एक्ट का एक केस, जगन्नाथपुर थाना में आर्म्स एक्ट का एक केस और सुखदेवनगर थाना में लूटकांड का एक मामला दर्ज है.
ओरमांझी थाना क्षेत्र में वर्ष 2011 में एक बैंक लूट कांड में गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया था. न्यायालय में केस का ट्रायल होने के बाद उसे 10 वर्ष की सजा भी हुई थी. लेकिन बाद में उसे हाइकोर्ट से जमानत मिल गयी. वह अगस्त 2018 में जेल से बाहर निकला था.