दिल्ली में पहली बार आयोजित हुआ सोहराय पर्व, शामिल हुए बाबूलाल मरांडी

ब्यूरो, नयी दिल्ली दिल्ली में रह रहे झारखंड के आदिवासी अपनी संस्कृति से खुद को अलग नहीं समझें इसके लिए पहली बार सोहराय पर्व का आयोजन किया गया. आदिवासी समाज नया साल का जश्न सोहराय पर्व के तौर पर मनाता है. यह नववर्ष का पावन अवसर होता है. आदिवासी समाज को एकजुट करने के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 6, 2019 8:56 PM

ब्यूरो, नयी दिल्ली

दिल्ली में रह रहे झारखंड के आदिवासी अपनी संस्कृति से खुद को अलग नहीं समझें इसके लिए पहली बार सोहराय पर्व का आयोजन किया गया. आदिवासी समाज नया साल का जश्न सोहराय पर्व के तौर पर मनाता है. यह नववर्ष का पावन अवसर होता है. आदिवासी समाज को एकजुट करने के लिए पहली बार सोना संथाल समाज ने दिल्ली में इसका आयोजन किया.

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि महानगर में रहने वाले आदिवासी समाज को एकजुट करने में यह पहल कामयाब होगी. वर्ष 2019 राजनीतिक महत्व का साल है. देश और झारखंड के विकास में महानगर में रहने वाले झारखंडी लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है. लेकिन इसके बदले सरकार लोगों को वैसी व्यवस्था नहीं दे पाती है.

मरांडी ने कहा कि ऐसे में लोगों को सोचना होगा कि आने वाली पीढ़ी कैसे आगे बढ़े. मरांडी ने यंहा रह रहे झारखंड के लोगों को अपने समाज और राज्य के विकास के लिए एकजुट होने का आह्वान भी किया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिल्ली में राह रहे झारखंड के लोगों ने शिरकत की. कार्यक्रम में आदिवासी संगीत और नृत्य भी पेश किया गया.

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