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मानकी-मुंडा-डाकुवा की तरह काम करनेवाले 17282 लोगों को हर माह ‍1000 रू सम्मान राशि, जानिए कैबिनेट के अन्‍य फैसलों को

रांची : झारखंड कैबिनेट ने मानकी-मुंडा-डाकुवा की तर्ज पर उनके जैसे ही काम करने वाले अन्य श्रेणी के 17282 लोगों को एक हजार रुपये प्रति माह की दर से सम्मान राशि देने का फैसला लिया. साथ ही मानकी मुंडा, ग्राम प्रधान और डाकुवा को पहले से दी जा रही सम्मान राशि को दो गुना कर […]

रांची : झारखंड कैबिनेट ने मानकी-मुंडा-डाकुवा की तर्ज पर उनके जैसे ही काम करने वाले अन्य श्रेणी के 17282 लोगों को एक हजार रुपये प्रति माह की दर से सम्मान राशि देने का फैसला लिया. साथ ही मानकी मुंडा, ग्राम प्रधान और डाकुवा को पहले से दी जा रही सम्मान राशि को दो गुना कर दिया है. सम्मान राशि के लिए जिन नये लोगों को शामिल किया गया है, उसमें परगनैत (194), पराणिक (1824), जोगमांंझी (2172), कुड़ाम नायकी (1740), नायकी (2188), गोड़ैत (2505), मूल रैयत (377), पड़हा राजा (16), ग्रामसभा के प्रधान (6198), घटवाल (22) व तावेदार (47) शामिल हैं. इस मद में सालाना 42.43 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
कैबिनेट ने मानकी का मानदेय 1500 से बढ़ाकर तीन हजार कर दिया है. इसके अलावा ग्राम प्रधान व मुंडा को एक हजार से बढ़ाकर दो हजार और डाकुवा को पांच सौ से बढ़ाकर एक हजार रुपये देने का फैसला किया है. सम्मान राशि देने के लिए शामिल किये गये 11 नयी श्रेणी के लोगों को प्रतिमाह एक हजार रुपये की दर से राशि दी जायेगी.
कल्याण विभाग का नाम बदला
सरकार ने कल्याण विभाग का नाम बदलकर एससी-एसटी ओबीसी और पिछड़वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग कर दिया. कैबिनेट ने केंद्र प्रायोजित पोषण अभियान योजना की स्वीकृति दी. तीन साल की योजना पर 1.91 करोड़ रुपये खर्च होंगे. चालू वित्तीय वर्ष के लिए इस मद में 58.36 करोड़ रुपये खर्च की स्वीकृति दी गयी. योजना लागत का 80 फीसदी भारत सरकार और 20 फीसदी राज्य सरकार द्वारा व्यय होगा.
जानिए सम्मान राशि पानेवाले लोगों का काम
परगनैत : प्रधान के काम में मार्गदर्शन करना है. अपने क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के विवादों का निपटारा करना है.
पराणिक : ग्राम प्रधान की अनुपस्थिति में प्रधान का कार्य संपन्न करना है.
जोगमांझी : ग्रामीण कार्य जैसे शादी आदि त्यौहार संपन्न कराना तथा गांव के अविवाहितों की देखरेख करना है.
नायकी : ग्राम सभा की सार्वजनिक पूजा-पाठ कराना.
कुराण नायकी : नायकी की अनुपस्थिति में दायित्व निभाना
गोड़ैत : पंचायती के लिए ग्रामीणों को सूचना देना है.
पड़हा राजा : सामाजिक विधि व्यवस्था का संधारण करना. ग्राम सभा के प्रधान का काम ग्राम सभा की अध्यक्षता करना.
घटवाल और तावेदार: अपने-अपने नायक के काम का निरीक्षण करना है.
आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को परफार्मेंस बेस्ड इंसेंटिव
कैबिनेट ने आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को दिये जाने वाले मानदेय को बढ़ा दिया है. अब आंगनबाड़ी सेविका को 4400 के बदले 5900 रुपये, सहायिका को 2200 के बदले 2950 रुपये, लघु आंगनबाड़ी सेविका को 2950 के बदले 4200 रुपये दिये जायेंगे. यह बढ़ोतरी अक्तूबर 2018 से ही प्रभावी होगी. इससे सरकार को करीब 100.70 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. इसमें 60 फीसदी राशि भारत सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार खर्च करेगी. कैबिनेट ने सेविकाओं और सहायिकाओं को परफार्मेंस बेस्ड इंसेंटिव देना का भी फैसला लिया.
यूपीएससी की पीटी पास करने पर एसटी-एससी को एक लाख
कैबिनेट ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उम्मीदवारों को मूल परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के लिए एक मुश्त एक लाख रुपये अनुदान देने का फैसला किया है. अनुदान की राशि सिर्फ वैसे पीटी उत्तीर्ण छात्रों को मिलेगी, जिन्होंने इंटर और स्नातक की परीक्षा झारखंड में पास की हो और जिनके अभिभावक की सालाना आमदनी ढाई लाख रुपये से अधिक नहीं हो. इसका लाभ आवेदकों को सिर्फ एक बार मिलेगा.
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में पुनर्नियुक्त जिला न्यायाधीशों के फास्ट ट्रैक के कार्यकाल को भी पेंशन की गणना के लिए शामिल करने का फैसला लिया है.
कुटुंब न्यायालय नियमावली के गठन की स्वीकृति.
आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए राज्य और जिला स्तरीय वर्ग-3 और वर्ग-4 के पदों को वर्ग-ग और वर्ग-घ के रूप में चिन्हित होगा.
जैविक खेती के पायलट प्रोजेक्ट का काम नोमिनेशन के आधार पर लेक्जिन टेक्नोलॉजी को मिलेगा.
जमींदारी उन्मूलन से संबंधित क्षतिपूर्ति के लिए जेसीएफ से 1.13 करोड़ अग्रिम देने का फैसला.
चिकित्सा सेवा 2018 स्वीकृतकिया गया है.
रामकृष्ण मिशन, मोरहाबादी को सालाना खर्च के रूप में 2.94 करोड़ रुपये अनुदान देने का फैसला किया गया है.
निम्नवर्गीय लिपिकीय सेवा में अनुकंपा पर नौकरी देने के लिए नियमावली गठित कर दी गयी है.
मजदूरी भुगतान विधेयक 2016 को वापस मांगने का फैसला.

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