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रांची : वाजपेयी को कविताओं के माध्यम से दी श्रद्धांजलि, कहा, जब जब सजेगी प्यार की महफिल, गीत तेरे गूंजेंगे

रांची : पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के एक माह पूरे होने पर उन्हें शहर के जाने-माने कवि-कवयित्रियों के माध्यम से काव्यांजलि अर्पित की गयी. हरमू रोड स्थित जैन भवन में आयोजित काव्यांजलि कार्यक्रम में जब-जब सजेगी प्यार की महफिल….गीत तेरे गूंजेंगे जैसी भावपूर्ण कविताओं के माध्यम से उन्हें याद […]

रांची : पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के एक माह पूरे होने पर उन्हें शहर के जाने-माने कवि-कवयित्रियों के माध्यम से काव्यांजलि अर्पित की गयी. हरमू रोड स्थित जैन भवन में आयोजित काव्यांजलि कार्यक्रम में जब-जब सजेगी प्यार की महफिल….गीत तेरे गूंजेंगे जैसी भावपूर्ण कविताओं के माध्यम से उन्हें याद किया गया.
कवि-कवयित्रियों ने कुछ स्वलिखित, तो कुछ स्व वाजपेयी की कविताओं के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस काव्यांजलि में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, रांची महानगर अध्यक्ष मनोज मिश्रा, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खान सहित बड़ी संख्या में साहित्यिक अभिरुचि रखनेवाले बुद्धिजीवियों की उपस्थिति रही. भाजपा ने स्व वाजपेयी की कालजयी काव्य कृतियों को याद करते हुए राज्य भर में काव्यांजलि का आयोजन किया़ विधानसभा स्तर पर काव्य गोष्ठी आयोजित की गयी़ राजधानी के हटिया, कांके, विधानसभा स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया़
कविता के शब्दों में श्रद्धांजलि के भाव : लगभग एक घंटे के कार्यक्रम में डॉ राजश्री जयंती, सुरिंदर कौर नीलम, हरेंद्र सिन्हा, कुमार बृजेंद्र, सारिका भूषण व शालिनी नायक आदि ने अपनी-अपनी कविताओं में श्रद्धांजलि अर्पित की. कुमार बृजेंद्र ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविता : कौरव कौन, कौन पांडव, टेढ़ा सवाल है/दोनों ओर शकुनि का फैला कूट जाल है, सुनायी.
इसके साथ राजश्री जयंती ने वाजपेयी की मशहूर कविता : मौत से ठन गयी…का गायन किया. इसके बाद उन्होंने सुनाया कि दर्द से भरा इक पैगाम आया है..सिर्फ जमीं ही नहीं आसमां को भी रुलाया है. कवयित्री नीलम ने : जब-जब सजेगी प्यार की महफिल…गीत तेरे गूंजेंगे, गाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. अन्य कवियों ने भी कविता पाठ किया.
अटल बिहारी वाजपेयी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की विचारधारा के प्रतीक : रघुवर दास
काव्यांजलि के मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक व्यक्ति नहीं थे, वे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की विचारधारा के प्रतीक हैं. वे पत्रकार, संवेदनशील कवि, अपराजेय वक्ता और विचारवान लेखक थे. उन्हें मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त था. उन्होंने अपना जीवन मां भारती की सेवा में लगाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी भारतीय राजनीति में सभी के प्रिय रहे. उन्होंने अपने वचन और कर्म से सभी के हृदय में अपनी पहचान बनायी. आज पूरे देश में एक साथ 4000 स्थानों पर काव्यांजलि कार्यक्रम का आयोजन कर उनके महानिर्वाण के एक माह को याद किया जा रहा है.
हटिया में भी काव्यांजलि
रांची : भाजपा महानगर की ओर से हटिया विधानसभा स्तरीय काव्यांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया़ कविता के माध्यम से स्व अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गयी. कार्यक्रम का आयोजन शिव धर्मशाला, डोरंडा में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में विधायक नवीन जायसवाल, सुबोध सिंह गुड्डू, मनोज मिश्रा, केके गुप्ता, वरुण साहू सहित कई लोग शामिल हुए.

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