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रांची : सीबीसीआइ के महासचिव बिशप ने कहा, सिस्टर कोंसीलिया पर दबाव डाल लिया बयान, जबरन कराये हस्ताक्षर
रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी केंद्र से बच्चों की बिक्री के आरोप, कोचांग बलात्कार मामले में फादर की गिरफ्तारी और सरना ईसाई विवाद के बीच चर्च ने अपना पक्ष रखा है. गुरुवार को देश में चर्च के सबसे बड़े निकाय, कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव, बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने आर्चबिशप हाऊस, पुरुलिया रोड […]
रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी केंद्र से बच्चों की बिक्री के आरोप, कोचांग बलात्कार मामले में फादर की गिरफ्तारी और सरना ईसाई विवाद के बीच चर्च ने अपना पक्ष रखा है.
गुरुवार को देश में चर्च के सबसे बड़े निकाय, कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव, बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने आर्चबिशप हाऊस, पुरुलिया रोड में पत्रकारों से बातचीत की. उन्होंने कहा : अनीमा इंदवार मिशनरीज ऑफ चैरिटी की कर्मचारी है, सिस्टर नहीं. उसने पैसे लेकर एक बच्चा किसी को दे दिया. उसने गलत किया. हम इसकी निंदा करते हैं. पर इसमें मिशनरीज ऑफ चैरिटी धर्मसंघ शामिल नहीं है. इसके सभी केंद्र की जांच सीडब्ल्यूसी कर चुका है, जिसमें कुछ भी नहीं मिला. 280 बच्चों की बात झूठी है. घटना के आठ दिनों के बाद तक किसी को भी गिरफ्तार सिस्टर काेंसीलिया से मिलने नहीं दिया गया.
उन पर दर्ज एफआइआर की कॉपी के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ा. जब हमारे वकील को सिस्टर से10 मिनट के लिए मिलने का अवसर दिया गया, तब उन्होंने बताया कि उनसे जबरन बयान दिलाया गया और हस्ताक्षर कराया गया है.
जिससे गलती हुई, सजा उसे मिलनी चाहिए : बिशप ने कहा : हमारे लिए हर बच्चा पवित्र है. 22 जून को ही केंद्र को एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट की ओर से अच्छे काम का सर्टिफिकेट दिया गया था. फिर वहां से बच्चे क्यों निकाल लिये गये?
बुधवार तक बच्चों को उनके माता- पिता से मिलने नहीं दिया गया था. एक बच्चे को न्यूमोनिया था, जिसे आइसीयू ले जाने की नौबत आयी. जिससे गलती हुई, सजा उसे मिलनी चाहिए. हम आत्ममंथन भी कर रहे हैं. मानवीय भूल संभव है. हर केंद्र की इंटरनल ऑडिट करायी जायेगी. मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रमुख सिस्टर प्रेमा ने भी कहा है कि ऐसा फिर कभी नहीं होगा.
सरकार चाहे, तो सीबीआइ जांच करा ले : उन्होंने कहा : सरकार यदि सीबीआइ जांच करना चाहती है, तो कराये. पर हमने भी कई दिन पहले कोचांग मामले की सीबीआइ जांच की मांग की थी. उसकी जांच भी होनी चाहिए.
सूचना नहीं देने के आरोप में उस फादर को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें नाटक मंडली के वहां आने की पहले से कोई जानकारी नहीं थी. जबकि नाटक मंडली को वहां ले जानेवाले संजय शर्मा आजाद है. वहां दो अन्य भी थे, जिनकी गिरफ्तारी नहीं हुई. वह मुखिया कहां गया, जिसने नाटक मंडली को कोचांग आमंत्रित किया था?
दूसरों के पास भी आता है विदेश फंड : बिशप मास्करेन्हास ने कहा : विदेशी फंड के कानून कड़े हैं. गृह मंत्रालय लगातार जांच करता रहता है. हर तीन महीने में मिशनरीज अॉफ चैरिटी संस्था नियमानुसार अपना बैलेंस शीट वेबसाइट पर डालती है. अब तक कुछ नहीं निकला है. वैसे, विदेशी फंड तो दूसरों के पास भी आता है, किसी एक के पीछे क्यों पड़ते हैं? हमारे रिकॉर्ड दुरुस्त हैं. हम संविधान के अनुसार चलते हैं.
प्रधानमंत्री से अच्छे संबंध : बिशप ने कहा : केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमारे अच्छे संबंध हैं. भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों ने जरूरत के समय हमारी मदद की है.
सतना (मध्य प्रदेश), विदिशा और उज्जैन के मामलों में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने त्वरित हस्तक्षेप किया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी सहयोग दिया था. लेकिन झारखंड सरकार ने एक समुदाय के खिलाफ सभी प्रमुख अखबारों में एक पन्ने का विज्ञापन प्रकाशित कराया है.
यहां धर्मांतरण बिल लाया गया. अब ईसाई बने आदिवासियों के आरक्षण का मुद्दा आया है. हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार राज्य सरकार से बात करेगी. हम ईसाई सरकार से सहयोग करते हैं, करते रहना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर, उनकी सरकार पर हमें पूरा विश्वास है.
सरना कोड का समर्थन करते हैं
बिशप मास्करेन्हास ने कहा : सरना कोड लागू होना चाहिए. चर्च इसका समर्थन करता है. हमारे लिए सभी आदिवासी ट्राइबल हैं. ईसाइयों के मन में सरना आदिवासियों के खिलाफ कुछ नहीं है. आदिवासियों की समस्याएं एक जैसी हैं, चाहे वे सरना हों या ईसाई आदिवासी. हम सबकी सेवा करते हैं, पर गरीबों, जरूरतमंदों को प्राथमिकता देते हैं. आदिवासियों को उतना नहीं मिला है, जितना मिलना चाहिए.
2% आबादी चुनाव को प्रभावित नहीं कर सकती
बिशप ने कहा : चर्च किसी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी के पक्ष या विपक्ष में वोट देने के लिए नहीं कहता. लगभग दो प्रतिशत की आबादी चुनाव को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं है. इसलिए हम इसमें नहीं पड़ते. चर्च द्वारा जमीनों पर कब्जे करने के आरोप पर कहा : जिसके पास ताकत है, वह कुछ भी कह सकता है. क्या इस तरह के आरोपों के बीच चर्च ने अपने सेवा कार्यों को जारी रखने- न रखने पर कोई निर्णय लिया है? हम सेवा करते रहे हैं और करते रहेंगे. सेवा हमारा धर्म है.
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