दौरा. विपक्ष खूंटी के घाघरा पहुंचा, गांव में काफी कम संख्या में लोग मिले, हर जगह दिखी पुलिस की तैनाती, ग्रामीण बोले
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रोज-रोज पुलिस आ रही, डर से कोई नहीं रह रहा है गांव में
दौरा. विपक्ष खूंटी के घाघरा पहुंचा, गांव में काफी कम संख्या में लोग मिले, हर जगह दिखी पुलिस की तैनाती, ग्रामीण बोले खूंटी : झारखंड के सभी विपक्षी दल शनिवार को संयुक्त रूप से खूंटी के घाघरा गांव पहुंचे. गांव आकर वे 27 जून को हुए लाठीचार्ज घटना की जानकारी लेना चाहते थे, लेकिन कोई […]
खूंटी : झारखंड के सभी विपक्षी दल शनिवार को संयुक्त रूप से खूंटी के घाघरा गांव पहुंचे. गांव आकर वे 27 जून को हुए लाठीचार्ज घटना की जानकारी लेना चाहते थे, लेकिन कोई भी ग्रामीण गांव में नजर नहीं आया. पूरे गांव में पुलिस के जवान तैनात मिले. विपक्षी दल के सभी नेता गांव के एक चौक के पास जमा हुए और वहीं बैठ गये. काफी खोजबीन करने के बाद एक महिला अपने दो बच्चों के साथ मिली. विपक्षी दलों के नेताओं ने 27 जून को हुए घटनाक्रम की उससे जानकारी ली और ग्रामीणों से गांव लौटने की अपील की़. काफी देर बाद कुछ और ग्रामीण भी वहां पहुंचे. हालांकि सभी के मन में भय नजर आ रहा था़. कोई भी अपना नाम तक बताने को तैयार नहीं . विपक्षी दलों के नेताओं ने अन्य ग्रामीणों से भी गांव वापस लौटने और खेतीबारी करने की अपील की.
इससे पहले खूंटी थाना प्रभारी राजेश कुमार से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने 27 जून को हुए घटनाक्रम की जानकारी ली. पूछा कि घटना के इतने दिन बाद भी पुलिस गांव में क्या कर रही है. इस पर थाना प्रभारी ने कहा कि पुलिस वांटेड की तलाश कर रही है, जो पत्थलगड़ी और कोचांग में हुए दुष्कर्म घटना में शामिल हैं. गांव में पुलिस लोगों का विश्वास जीतने का भी प्रयास कर रही है. गांव में मिली महिला से सुबोधकांत सहाय और अन्य नेताओं ने पूछा कि गांव में कोई क्यों नहीं है. महिला ने बताया कि पुलिस के डर के कारण सभी कहीं चले गये हैं. पुलिस रोज-रोज आ रही है. इससे रात में भी लोग नहीं आ रहे हैं.
लाठीचार्ज के दिन मारे गये बिरसा मुंडा की मौत का कारण पूछा गया, तो महिला ने बताया कि लाठीचार्ज के बाद सभी भाग गये थे. इसके आगे उन्हें कुछ नहीं मालूम. महिला ने कहा कि घटना के बाद प्रशासन द्वारा गांव में चूड़ा और गुड़ बांटा गया था, लेकिन ग्रामीणों ने वह भी नहीं खाया. उन्हें डर था कि उसमें कुछ मिलाया गया है. विपक्षी दलों के नेताओं ने जब पूछा कि आपलोग क्या चाहते हैं, तो महिला ने कहा कि पुलिस और लोग उनके गांव में बार-बार नहीं आये. सुबोधकांत सहाय ने कहा कि पत्थलगड़ी गलत नहीं है़ यह लोगों का आक्रोश है़. कुछ लोग भाषण में कह देते हैं कि बाहरी लोगों को घुसने नहीं देंगे. इसी आधार पर प्रशासन केस कर देती है़ सरकार पत्थलगड़ी वालों को उग्रवादी बता रही है़ दोनों को एक ही बना दे रही है़ सरकार ऐसा कर बारूद बनाने का काम कर रही है़
ग्रामीण बोले : पुलिस व लोगों के आने का सिलसिला थमे, लोगों से गांव लौटने की अपील की नेताओं ने
हमारे आने से पहले प्रचार किया गया कि गांव में उग्रवादी आ रहे हैं, गोलियां चलेगी, यह दु:खद : बाबूलाल मरांडी
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गांव में दहशत का माहौल है़ उन्होंने ग्रामीणों से गांव वापस लौटने की अपील की़. कहा कि सरकार का काम है कि ग्रामीणों को ग्राम सभा का अधिकार बताये. कोई गलत परिभाषित कर रहे हैं, तो सरकार को उनसे वार्ता करनी चाहिए. उन्होंने घाघरा गांव से पुलिस को हटाने की मांग की़ आगे कहा कि हमारे आने से पहले ऐसा प्रचार किया गया कि उग्रवादी आ रहे हैं. गोलियां चलेंगी़ यह काफी दु:ख की बात है. झामुमो के सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यहां के आदिवासी-मूलवासियों का समूल नाश करने का षडयंत्र रचा जा रहा है.
घाघरा से लौटने के बाद सभी ने खूंटी डीसी सूरज कुमार और एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा से मुलाकात की. मौके पर तोरपा विधायक पौलूस सुरीन, पूर्व विधायक अमित महतो, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू, नियेल तिर्की, रमा खलखो, बंधु तिर्की, आरजेडी से मनोज कुमार, अभय सिंह, सीपीआई (एम) से जनार्दन प्रसाद, सीपीएम से गोपीकांत बक्शी, राजेंद्र सिंह मुंडा, केडी सिंह, सुभेंदु सेन, झाविमो के जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्र, कांग्रेस के वेद प्रकाश मिश्र, महिला आयोग की पूर्व सदस्या वासवी किड़ो, दयामनी बारला सहित अन्य उपस्थित थे़
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