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राज्य के 390 हाइस्कूल में मैट्रिक पास करनेवाले परीक्षार्थी दस से भी हैं कम

50 हाइस्कूलों से मात्र एक-एक परीक्षार्थी हुए हैं मैट्रिक पास गत वर्ष की तुलना में मैट्रिक परीक्षा पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में लगभग 59 हजार की कमी राज्य गठन के बाद झारखंड में तीन गुनी बढ़ी है हाइस्कूलों की संख्या रांची : सरकार ने राज्य में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य गठन […]

50 हाइस्कूलों से मात्र एक-एक परीक्षार्थी हुए हैं मैट्रिक पास
गत वर्ष की तुलना में मैट्रिक परीक्षा पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में लगभग 59 हजार की कमी
राज्य गठन के बाद झारखंड में तीन गुनी बढ़ी है हाइस्कूलों की संख्या
रांची : सरकार ने राज्य में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य गठन के बाद प्रत्येक पांच किलोमीटर पर एक हाइस्कूल खोलने की योजना शुरू की.
इसके तहत झारखंड में बड़े पैमाने पर मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया गया. राज्य गठन के समय झारखंड में उच्च विद्यालयों की संख्या 785 थी, आज राज्य में हाइस्कूलों की संख्या बढ़ कर 2266 हाे गयी हैं.
सरकार ने विद्यालय तो खोले, पर उस अनुपात में विद्यार्थी नहीं बढ़े. वर्ष 2018 की मैट्रिक की परीक्षा में राज्य के 390 हाइस्कूलों में मैट्रिक पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या दहाई अंक में नहीं पहुंच पायी. इन विद्यालयों से परीक्षा में शामिल होनेवाले परीक्षार्थियों की संख्या भी काफी कम थी.
इनमें से 75 फीसदी विद्यालयों से मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 50 से कम है. जो परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए, उनमें से भी आधे से अधिक फेल हो गये. वैसे विद्यालय जहां मैट्रिक पास करनेवाले परीक्षार्थियों की संख्या दस से कम है, उनमें अधिकतर विद्यालय मध्य से उच्च विद्यालय में अपग्रेड हुए हैं. 50 हाइस्कूल से तो मात्र एक-एक विद्यार्थी मैट्रिक परीक्षा में पास हुए हैं.
750 विद्यालय से 20-20 विद्यार्थी ही परीक्षा पास कर सके. राज्य के लगभग 1700 विद्यालयों से मैट्रिक पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 50 से कम है. वर्ष 2018 की मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट 15 वर्ष में सबसे खराब हुआ है. गत वर्ष की तुलना में मैट्रिक परीक्षा पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में लगभग 59 हजार की कमी आयी है.
जिन विद्यालयों में परीक्षार्थियों की संख्या कम है उनमें मध्य से उच्च विद्यालय में अपग्रेड किये गये स्कूल सबसे अधिक है. शहरी क्षेत्र के स्कूलों में भी परीक्षार्थियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है.
इस वर्ष का रिजल्ट 15 वर्ष में सबसे खराब
18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा
राज्य के हाइस्कूल में 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा परीक्षा ली गयी है.
जुलाई में नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जारी होने की संभावना है. राज्य में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया गया है. मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में अपग्रेड करने की प्रक्रिया वर्ष 2009-10 में शुरू हुई थी. वर्ष 2016-17 तक विद्यालयों को अपग्रेड करने का अभियान चलाया गया.
वर्ष 2018 में स्कूलों के मैट्रिक का रिजल्ट
स्कूल पास विद्यार्थी
अपग्रेड हाइस्कूल बंदुआ 01
प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय सुंदर पहाड़ी 01
अपग्रेड हाइस्कूल मुरली 01
स्कूल पास विद्यार्थी
मॉडल हाइस्कूल बसिया 01
मॉडल स्कूल सोनुआ 01
प्रोजेक्ट हाइस्कूल बिरबंकी 01
अपग्रेड हाइस्कूल बनगांव 01

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