रांची : पांचवीं अनुसूची के प्रावधान को लागू करने की मांग पर अप्रैल में जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के बैनर तले देश के एक करोड़ आदिवासी संसद का घेराव करेंगे. जयस के संजय पाहन नेरांची में यह दावा किया. कुर्मी और तेली को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के विरोध में शनिवार को राजधानी में आयोजित आदिवासी आक्रोश महारैली को संबोधित करते हुए पाहन ने ये बातें कहीं.
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हरमू मैदान में आयोजित आदिवासी आक्रोश महारैली में 50 से अधिक संगठनों के हजारों प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस महारैली ने दिखा दिया कि राज्य की सभी 32 जनजातियां एकजुट हैं. हमें मिलकर अपनी ताकत दिखानी होगी. पांचवीं अनुसूची के प्रावधान को लागू करने की मांग को लेकर अप्रैल में जयस के बैनर तले देश के एक करोड़ आदिवासी संसद का घेराव करेंगे.
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जयस ने कहा कि जब तक कुर्मी और तेली को एसटी का दर्जा देने की विधायकों-सांसदों की अनुशंसा निरस्त नहीं हो जाती, तब तक आदिवासी समुदाय का विरोध-प्रदर्शनजारी रहेगा. उन्होंने यह भी एलान किया कि 42 विधायकों व दो सांसदों द्वारा कुर्मी व तेली को एसटी का दर्जा दिये जाने की अनुशंसा का पुरजोर विरोध किया जायेगा. इन्हें गांव में घुसने नहीं दिया जायेगा.