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रिजर्व बैंक के निर्देशों से कमीशन का दावा जटिल
रांची : भारतीय रिजर्व बैंक के नये निर्देशों से बैंकों के कमीशन का दावा अब जटिल हो गया है. स्टेट बैंक के अलावा वैसे बैंक, जिनके पास झारखंड और दूसरे राज्यों के पेंशनर हैं, उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि कैसे कमीशन का दावा प्रस्तुत किया जाये. पहले ये बैंक सीधे रिजर्व बैंक […]
रांची : भारतीय रिजर्व बैंक के नये निर्देशों से बैंकों के कमीशन का दावा अब जटिल हो गया है. स्टेट बैंक के अलावा वैसे बैंक, जिनके पास झारखंड और दूसरे राज्यों के पेंशनर हैं, उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि कैसे कमीशन का दावा प्रस्तुत किया जाये. पहले ये बैंक सीधे रिजर्व बैंक की एजेंसी स्टेट बैंक से दावे का भुगतान ले लेते थे. अब यह नियम बदल दिया गया है. बैंकों को अब अपने पेंशनरों के खातों की सूची और दावा का ब्योरा सीधे कोषागार से लेकर रिजर्व बैंक को देना होगा. यानी बैंकों के पास बिहार, झारखंड और ओड़िशा के पेंशनर हैं, तो उन्हें तीनों राज्यों के कोषागारों से जानकारी लेनी होगी और इसकी रिपोर्ट रिजर्व बैंक को उपलब्ध कराना होगा. बैंकों को इतनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही दावे का भुगतान 31 मार्च को किया जायेगा.
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों, एजेंसी बैंकों के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक और सीइओ को नये नियमों के बाबत अवगत करा दिया है. नये नियमों के अनुसार पहली जनवरी 2018 से सरकारी फंड का किसी भी तरह की प्राप्ति (रीसिप्ट्स) और पेमेंट (भुगतान) का सेटेलमेंट सीधे भारतीय रिजर्व बैंक कर रहा है. यह सेटेलमेंट प्रति दिन के ट्रांजेक्शन के आधार पर होगा. इससे जुड़े सभी बैंकों का दावा भुगतान 31 मार्च के बाद किया जायेगा. वह भी रिजर्व बैंक के कार्यालयों से. कोर बैंकिंग सोल्यूसंस (सीबीएस) के तहत सभी बैंकों को सुगम और सुरक्षित बैंकिंग सुविधा देने का निर्देश दिया गया है. बैंकों और सरकारी खातों के ट्रांजेक्शन ई-कुबेर के जरिये करने को कहा गया है. बैंकों को कहा गया है कि वे दावा भुगतान का किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन का ब्योरा सीधे रिजर्व बैंक को भेजें.
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