जगह चिह्नित व प्रस्ताव भी तैयार है, फिर भी देरी
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रांची : रिम्स डेंटल कॉलेज को अब तक नहीं मिला अपना ओटी
जगह चिह्नित व प्रस्ताव भी तैयार है, फिर भी देरी रिम्स के डेंटल काॅलेज को खुले करीब डेढ़ साल हो चुके हैं, लेकिन आज तक कॉलेज को अपना ऑपरेशन थियेटर (ओटी) नसीब नहीं हुआ है. कॉलेज प्रशासन की मानें, तो पूर्व में ओटी और लैब समेत अन्य सिविल कार्यों के लिए डीपीआर बनाकर शासी परिषद […]
रिम्स के डेंटल काॅलेज को खुले करीब डेढ़ साल हो चुके हैं, लेकिन आज तक कॉलेज को अपना ऑपरेशन थियेटर (ओटी) नसीब नहीं हुआ है. कॉलेज प्रशासन की मानें, तो पूर्व में ओटी और लैब समेत अन्य सिविल कार्यों के लिए डीपीआर बनाकर शासी परिषद को भेजा गया था, लेकिन किसी कारणवश इस पर सहमति नहीं बन पायी.
ऐसे-ऐसे मरीज आते हैं
जबड़े में ट्यूमर व फेस में ट्यूमर
दुर्घटना में चेहरे की हड्डी टूट जाना
रांची : रिम्स प्रबंधन के बैंक खाते में फिलहाल 20 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा हैं. ये राशि रिम्स प्रबंधन को यहां होनेवाले रजिस्ट्रेशन, पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांच एवं अन्य मदों से प्राप्त होता है. हालांकि, इस राशि को खर्च करने की इजाजत नहीं है. रिम्स प्रबंधन का यह मानना है कि अगर उसे इस फंड को खर्च करने की अनुमति मिल जाये, तो अस्पताल के कई छोटे-मोटे कार्य करने में उसे सहूलियत होगी. वहीं जानकार मानते हैं कि डेंटल कॉलेज का ऑपरेशन थिएटर भी रिम्स के अपने फंड से आसानी से तैयार किया जा सकता है.
इधर, रिम्स के डेंटल कॉलेज में सभी विभागों का ओपीडी संचालित होता है, लेकिन जहां गंभीर मरीजों के सर्जरी की बात आती है, डेंटल सर्जन असमंजस में पड़ जाते हैं. गरीब मरीजों की गुहार पर सर्जन सामान्य सर्जरी व इएनटी सर्जरी में अोटी मुहैया कराने के लिए के यूनिट इंचार्ज के यहां दौड़ लगाते हैं. आग्रह करने व ओटी खाली होने के बाद मरीजों का ऑपरेशन संभव हो पाता है. जानकारी के अनुसार एक सप्ताह में दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल करीब 15 से ज्यादा मरीज आते हैं,
जिनको तत्काल सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है. लेकिन, ओटी नहीं होने के कारण उन्हें इंतजार करना पड़ता है. कई ऐसे मरीज हैं, जो अन्य विभाग में इलाज कराने के बाद दांत की सर्जरी के लिए ओटी खाली नहीं होने के कारण घर चले जाते हैं. ओटी खाली होने पर दोबारा सर्जरी के लिए आते हैं. कई मरीजों को ज्यादा क्षति नहीं हो, इसके लिए कामचलाऊ सर्जरी करनी पड़ती है.
फिलहाल, सामान्य आेटी या इएनटी के ओटी में करना पड़ता है गंभीर मरीजों का ऑपरेशन
डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था रिम्स का डेंटल कॉलेज, अपना ओटी नहीं होने से हो रही परेशानी
ओटी, लैब और अन्य सिविल वर्क के लिए प्रबंधन को भेजा गया प्रस्ताव, नहीं बनी सहमति
हमारे पास दर्जनों मरीज आते हैं, जिनको तत्काल सर्जरी की आवश्यकता होती है, लेकिन ओटी नहीं होने के कारण कामचलाऊ सर्जरी कर भेजना पड़ता है. अगर अपना ओटी रहता, तो हम जटिल सर्जरी अपने कॉलेज में ही कर लेते.
डॉ बीके प्रजापति, एचओडी, मैग्जिलोफेसियल
20 करोड़ रुपये से ज्यादा पड़े हुए हैं फिलहाल रिम्स प्रबंधन के बैंक खाते में
05 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है डेंटल कॉलेज प्रशासन ने रिम्स प्रबंधन को
ग्राउंड फ्लोर पर ओटी की जगह चिह्नित
डेंटल कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर पर ऑपरेशन थिएटर के लिए जगह चिह्नित कर ली गयी है. पूर्व निदेशक डॉ बीएल शेरवाल के कार्यकाल में यह प्रस्ताव शासी परिषद की बैठक में भी लाया गया था, लेकिन बाद में किसी कारण से इसपर सहमति नहीं बन पायी थी.
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