रांची: पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा अौर डॉ बीपी केसरी को समर्पित पुस्तक का लोकार्पण सोमवार को मोरहाबादी स्थित जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में हुआ. यह कार्यक्रम लोक सेवा समिति के तत्वावधान में किया गया था. पुस्तक में डॉ रामदयाल मुंडा, डॉ बीपी केसरी, कुमार सुरेश सिंह सहित झारखंड की अन्य विभूतियों के बारे में जानकारी दी गयी है. इस अवसर पर अपने संबोधन में समिति के महासचिव डॉ गिरिधारी राम गोंझू ने कहा कि आरंभिक समय में डॉ बीपी केसरी अौर डॉ रामदयाल मुंडा को उनके करीबी ही जानते थे.
डॉ मुंडा पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने झारखंडी संस्कृति को अमेरिका में स्थापित किया. डॉ कुमार सुरेश सिंह के बारे में कहा कि उनके कुलपति रहते हुए ही रांची विश्वविद्यालय में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्थापना हुई. डॉ रामदयाल मुंडा इसके पहले निदेशक बने. शिक्षकों अौर विद्यार्थियों ने मिल कर विभाग के अखड़ा को बनाया.
डॉ एचएन सिंह ने कहा कि डॉ रामदयाल मुंडा का सहयोगी रहा हूं. सरहुल अौर करमा जैसे पर्व को उन्होंने जनता के बीच लोकप्रिय बनाया. डॉ उमेशनंद तिवारी ने कहा कि यह पुस्तक उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो झारखंड में काम करना चाहते हैं अौर झारखंड के लिए काम करना चाहते हैं. विभागाध्यक्ष डॉ त्रिवेणीनाथ साहू ने कहा कि पुस्तक में झारखंड की विभूतियों के बारे में जानकारी है. कार्यक्रम को डॉ भुवनेश्वर अनुज, समिति के अध्यक्ष मो नौशाद खान, नईमुद्दीन मिदराहा सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर हॉकी के खिलाड़ी सिलवानुस डुंगडुंग और एच रहमान को झारखंड रत्न से सम्मानित किया गया.
पढ़ाई के बीच हुआ लोकार्पण, शिक्षक ने जताया विरोध
लोक सेवा समिति के द्वारा दिन के 12 बजे से जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में लोकार्पण कार्यक्रम रखा गया था. विभाग के सभागार में उस समय विद्यार्थी अौर शिक्षक मौजूद थे अौर पढ़ाई चल रही थी. जब आयोजक सभागार में पहुंचे अौर बुके वगैरह टेबल पर रखने लगे, तो एक शिक्षक निरंजन कुमार ने कहा कि बिना जानकारी के अचानक से लोकार्पण कार्यक्रम किया जा रहा है. पढ़ाई को बाधित कर इस तरह से कार्यक्रम करना उचित नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि अभी तक विद्यार्थियों को सिलेबस भी नहीं मिला है. जैसे-तैसे पढ़ाई हो रही है. इस पर विद्यार्थियों ने भी कहा कि उन्हें कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी गयी है. आयोजक मो नौशाद खान ने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई करने दें, विभागाध्यक्ष के कमरे में लोकार्पण कर देते हैं. इस हंगामा के बीच पहुंचे विभागाध्यक्ष डॉ त्रिवेणीनाथ साहू ने कहा कि लोकार्पण जैसे कार्यक्रम विभाग में होते रहते हैं. जिस पुस्तक का लोकार्पण हो रहा है, वह विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है. इसमें विभाग के संस्थापक डॉ रामदयाल मुंडा अौर डॉ बीपी केसरी सहित झारखंड की अन्य विभूतियों के बारे में जानकारी है. इसके बाद विद्यार्थी शांत हुए अौर पुस्तक लोकार्पण हुआ.