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झारखंड : विधानसभा के अगले सत्र से पहले दिन चलेगी कार्यवाही, शोक प्रकाश अंत में
शीतकालीन सत्र के मद्देनजर स्पीकर ने पार्टी विधायक दल की बैठक बुलायी रांची : विधानसभा के आने वाले अगले सत्र से पहले दिन सदन की कार्यवाही चलेगी़ शोक प्रकाश कार्यवाही के अंत में होगा़ दिनभर की कार्यवाही खत्म कर सदन की आेर से दिवगंत लोगों को श्रद्धांजलि दी जायेगी़ जबकि वर्तमान व्यवस्था में पहले दिन […]
शीतकालीन सत्र के मद्देनजर स्पीकर ने पार्टी विधायक दल की बैठक बुलायी
रांची : विधानसभा के आने वाले अगले सत्र से पहले दिन सदन की कार्यवाही चलेगी़ शोक प्रकाश कार्यवाही के अंत में होगा़ दिनभर की कार्यवाही खत्म कर सदन की आेर से दिवगंत लोगों को श्रद्धांजलि दी जायेगी़ जबकि वर्तमान व्यवस्था में पहले दिन सत्र शुरू होते ही शोक प्रकाश लाया जाता है, इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है़
शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के मद्देनजर स्पीकर दिनेश उरांव ने पार्टी विधायक दल के नेताओं की बैठक बुलायी़ इसमें सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए पक्ष-विपक्ष का सहयोग मांगा़ बैठक में संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय, प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन, मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मासस विधायक अरूप चटर्जी और माले विधायक राजकुमार यादव शामिल हुए़ स्पीकर ने कहा कि सदन बेहतर तरीके से चले, इसमें सभी लोग सहयोग करे़ं सदन सुचारू रूप से चलेगा, तो जनता के सवाल आयेंगे़ सत्र छोटा है, ऐसे में समय का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाना चाहिए़
छोटे सत्र में जनता के सवाल नहीं आयेंगे : आलमगीर आलम : इधर बैठक की जानकारी देते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री आलम ने बताया कि चार दिन का ही सत्र है़ इसमें पहले दिन शोक प्रकाश के बाद कार्यवाही स्थगित हो जाती है़ अब सहमति बनी है कि आने वाले सत्र से शोक प्रकाश अंत में किया जायेगा़ यह भी कहा कि बैठक में 12 दिसंबर को ही अनुपूरक बजट पेश करने की बात हुई, लेकिन सरकार की ओर से तैयारी नहीं है़ 13 को अनुपूरक आयेगा, तो चर्चा के लिए समय नहीं मिलेगा़ सरकार ने अनुपूरक के लिए ही सदन आहूत किया है, तो फिर इसमें क्या किया जा सकता है़ छोटे सत्र में जनता के सवाल नहीं आयेंगे़
जितना काम था, उतना ही बड़ा सत्र सरकार ने बुलाया : सरयू राय
संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने कहा कि सत्रावधि का उपयोग होना चाहिए़ लेकिन पिछले सत्र से देखा गया है कि सत्र हंगामे की भेंट चढ़ रहा है़ कार्यवाही सार्थक चले, तो छोटे-बड़े सत्र की बात हो सकती है़ सरकार ने अपने हिसाब से सत्र बुलाया है़ जितना काम था, उतना बड़ा सत्र बुलाया गया ह़ै श्री राय ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि सत्र बड़ा होना चाहिए़ जनता के सवाल सदन में आने चाहिए़ सार्थक बहस हो और विधायकों को समय मिलना चाहिए़
विपक्ष चर्चा में शामिल हो, सरकार जरूर जवाब
देगी : चंद्रप्रकाश चौधरी
मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि सदन का सदुपयोग होना चाहिए़ विपक्ष को चर्चा में शामिल होना चाहिए़ सदन चलेगा, तो अच्छा संदेश जायेगा़ सरकार भी प्रश्नों का जवाब देना चाहती है़ विपक्ष के लाये हुए विषय पर सरकार चर्चा के लिए तैयार भी रहती है़ सदन शांतिपूर्ण तरीके से चले़
सदन चलेगा या नहीं, सरकार पर निर्भर लेकिन हम तो मुद्दा उठाते ही रहेंगे : हेमंत
रांची : प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा है कि लोग भूख से मर रहे है़ं ठंड से मौत हो रही है़ किसान आत्महत्या कर रहे है़ं ऐसे मामले सदन में तो आयेंगे ही. ऐसे ही मुद्दे पर हमारा विरोध है और रहेगा़ हम विपक्ष की भूमिका निभा रहे है़ं सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन वापस नहीं लिया है़ सदन चलेगा या नहीं, सरकार पर निर्भर है़ सरकार को जवाब तो देना ही होगा़
जमीन की खरीद-बिक्री पर क्यों रोक लगी? : श्री सोरेन शुक्रवार को विधानसभा में विधायक दल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे़ कहा कि नाकामी छुपाने के लिए सरकार ने छोटा सत्र बुलाया है़ सदन की गरिमा तार-तार कर दी गयी है़ तीन दिन के सत्र में एक विधायक को एक मिनट का भी समय नहीं मिलने वाला है़ श्री सोरेन ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री ने कहा था कि उनको सत्र आहूत करने की जानकारी नहीं दी गयी़
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य में भूख से मौत हो रही है़ पुलिस की गोली से निर्दोष मारे जा रहे है़ं सरकार ने झारखंडियों को झकझोर दिया है़ सरकार रोटी देने की जगह उजाड़ने का काम कर रही है़ सरकार को बताना चाहिए कि राजधानी में किस कानून से जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगायी गयी है़ सरकार मनमानी कर रही है़
सीएम कब क्या करेंगे, कोई नहीं जानता
श्री सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री रोज नयी-नयी बात करते है़ं कह रहे हैं कि पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग के लिए कम दर पर उद्योगपतियों को जमीन दी जायेगी़ सीएम कब क्या करेंगे, कोई नहीं जानता़ तीन वर्ष में इनको पता ही नहीं चला कि जाना कहां है़ भू-संपदा पर शुरू से ही इस सरकार की नजर है़ सरकार जमीन दलाली का काम कर रही है, इससे दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है़
लेकिन विपक्ष की नजर सरकार के काम पर है़ सदन से लेकर सड़क तक विरोध किया जायेगा़ यह पूछे जाने पर कि सिमडेगा में एक भवन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से कर दिया गया है़ इस पर श्री सोरेन ने कहा कि यह सरकार झारखंड का नाम बदल कर गुजरात या वाशिंगटन डीसी भी कर सकती है़
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