रांची: रातू रोड स्थित श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर (श्रीतिरूपति बालाजी) में गुरुवार को शरद पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दाैरान विशेष पूजा-अर्चना की गयी. भगवान श्रीवेंकटेश्वर की तिरूमंजन सेवा की गयी. अर्चक सत्यनारायण गौतम, गोपेश आचार्य व जगन्नाथ स्वामी ने अनुष्ठान विधिवत संपन्न कराया. पूजा-अर्चना के बाद मंदिर का कपाट श्रद्धालुअों के लिए खोला गया.
शरद पूर्णिमा के दिन घी, शक्कर मिलायी हुई खीर को चांद की रोशनी में रखने का तथा भगवान के समक्ष मांगलिक गीत व मंगलमय कार्यों द्वारा जागरण करने का विधान है. इस दिन चंद्रमा सोलहों कला से परिपूर्ण रहता है, जो वर्ष में और कभी नहीं होता. आज के दिन चंद्रमा बलशाली होता है, जो धन, प्रेम और स्वास्थ्य देनेवाला होता है.
आज ही के दिन श्रीकृष्ण ने सोलहों कला के साथ गोपियों से रास रचाये थे. रात आठ बजे अमृतमय भजन, हरिनाम कीर्तन व श्रीविष्णु सहस्त्रनाम का सामूहिक पाठ किया गया. इसके बाद खीर महाप्रसाद को वलि-पीठम (तैतीस देवी-देवताओं) के संरक्षण में व सभी मंगलों के दाता श्रीगरूड़-ध्वज के समक्ष चांद की रोशनी में रखा गया. छह अक्तूबर की सुबह सात बजे से श्रद्धालु खीर प्रसाद प्राप्त करेंगे. इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष राम अवतार नारसरिया, गोपाल प्रसाद, आशा खेतान, गौतम, सुनीता मोदी, विनीत सरावगी, कुमारी ऐश्वर्या, गोपाल लाल चौधरी, ओम प्रकाश केजरीवाल, मनोज अग्रवाल, रमेश धरनीधरका, घनश्याम दास शर्मा, अनूप अग्रवाल, एन रामास्वामी, प्रदीप नारसरिया, सुशील लोहिया, रंजन सिंह, अनीश अग्रवाल, रामवृक्ष साहू, विनय धरनीधरका, राजेश सुलतानिया, गौरी शंकर साबू, कन्हैया लोहिया सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे.