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वन विभाग: सरकार के 1000 दिन की उपलब्धियां गिनायीं, तीन साल में लगाये गये 8.56 करोड़ पौधे, खर्च हुए 718 करोड़
रांची : वन विभाग ने पिछले तीन साल में 8.56 करोड़ पौधे लगाये गये हैं. पौधा लगाने और इसके रख-रखाव पर करीब 718 करोड़ रुपये का खर्च आया है. यह जानकारी राज्य सरकार के एक हजार दिन पूरा होने के मौके पर आयोजित प्रेस वार्ता में दी गयी. विभाग के अपर मुख्य सचिव इंदु शेखर […]
रांची : वन विभाग ने पिछले तीन साल में 8.56 करोड़ पौधे लगाये गये हैं. पौधा लगाने और इसके रख-रखाव पर करीब 718 करोड़ रुपये का खर्च आया है. यह जानकारी राज्य सरकार के एक हजार दिन पूरा होने के मौके पर आयोजित प्रेस वार्ता में दी गयी. विभाग के अपर मुख्य सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) डॉ संजय कुमार, पीसीसीएफ (वन्य प्राणी) एलआर सिंह और विभाग के विशेष सचिव एके रस्तोगी विभाग की योजनाओं की जानकारी दे रहे थे. पत्रकारों को बताया गया कि विभाग झारखंड राष्ट्रीय वन नीति के अनुरूप 33 फीसदी वन क्षेत्र को कवर करने की दिशा में काम कर रहा है. अभी झारखंड में 31.5 फीसदी वन क्षेत्र हैं.
पॉलिथीन के इस्तेमाल पर पांच साल की सजा का प्रावधान
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गया है. इनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट की धारा (5) के प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल के तहत इसका इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर सजा का प्रावधान किया गया है. इसमें पांच साल की सजा से लेकर एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
1500 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया
अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग ने अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया था. इस क्रम में करीब 4100 मामले दर्ज किये गये. 1500 हेक्टेयर जमीन को मुक्त कराया गया. इसमें 11 पार्क का निर्माण वन विभाग ने कराया. नमामि गंगे परियोजना के तहत साहेबगंज में 3.23 लाख पौधे गंगा के किनारे लगाये गये हैं.
पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की सही संख्या पता लगाने के लिए अगले साल से की जायेगी गिनती
अधिकारियों ने जानकारी दी कि पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की सही संख्या का पता लगाने के लिए अगले साल से गिनती शुरू की जायेगी. इस बार अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा. इससे बाघों की सही संख्या का पता चल पायेगा. अभी छह बाघ होने की पुष्टि विभिन्न प्रकार की जांच रिपोर्टों से हुई है. यहां जीपीएस से पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गयी है. ग्रास लैंड विकसित किया जा रहा है. यहां की व्यवस्था और अन्य चीजों पर एक विस्तृत अध्ययन कराने की योजना भी राज्य सरकार की है. जलाशयों के जीर्णोद्धार और नये जलाशय तैयार करने की योजना पर भी काम हो रहा है. वन रक्षियों की संख्या बढ़ायी गयी है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
पांच करोड़ मुआवजा राशि बांटी गयी
अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में जंगली जानवरों से होनेवाले नुकसान को देखते हुए सरकार ने क्षतिपूर्ति राशि बढ़ा दी है. अब जंगली जानवरों द्वारा किसी व्यक्ति के मारे जाने पर 2.5 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान किया गया है. राज्य में पिछले साल करीब पांच करोड़ रुपये की राशि मुआवजा के रूप में बांटी गयी थी. औसतन राज्य में करीब 60 लोगों की मौत हाथी द्वारा हमला किये जाने से होती है.
ऑनलाइन ट्रांजिट परमिट की व्यवस्था
अधिकारियों ने जानकारी दी कि झारखंड पहला राज्य है, जहां लकड़ियों के लिए ऑनलाइन ट्रांजिट की व्यवस्था की गयी है. ऑनलाइन परमिशन 41 दिनों के अंदर देने का प्रावधान है. सरकार ने लकड़ियों की 19 प्रजातियों की ढुलाई संबंधी जांच की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है.
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