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झारखंड में इमली के 20 व चिरौंजी के 13 प्लांट लगाये गये, प्रोसेसिंग प्लांट लगने से कम कीमत पर मिल सकेगी इमली और चिरौंजी
रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग अपने फेडरेशन झामकोफेड के माध्यम से राज्य भर में इमली व चिरौंजी का प्रोसेसिंग प्लांट लगा रहा है. कुल 10 जिलों (सिमडेगा, रांची, लातेहार, प सिंहभूम, गुमला, पलामू, खूंटी, गढ़वा, हजारीबाग व रामगढ़) में इमली के सभी 20 प्लांट लग गये हैं. वहीं चिरौंजी के अभी 13 प्लांट […]
रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग अपने फेडरेशन झामकोफेड के माध्यम से राज्य भर में इमली व चिरौंजी का प्रोसेसिंग प्लांट लगा रहा है. कुल 10 जिलों (सिमडेगा, रांची, लातेहार, प सिंहभूम, गुमला, पलामू, खूंटी, गढ़वा, हजारीबाग व रामगढ़) में इमली के सभी 20 प्लांट लग गये हैं. वहीं चिरौंजी के अभी 13 प्लांट लगे हैं.
शेष सात प्लांट बरसात के बाद लगेंगे. सभी प्लांट झामकोफेड से संबद्ध 153 लघु वनोपज समितियों तथा 17 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित होंगे. इसके लिए फंड राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाइ) के तहत मुहैया कराया गया है. इमली का एक प्रोसेसिंग प्लांट (शेड सहित) 12.40 लाख व चिरौंजी का एक प्रोसेसिंग प्लांट 10.15 लाख की लागत से लगाया गया है. दोनों प्लांट के चालू होने से राज्य में इमली व चिरौंजी कम कीमत पर मिलेगी.
ज्ञात हो कि अभी इमली व चिरौंजी से क्रमश: बीज व गुठली हटाने का काम हाथ से बहुत ही कम मात्रा में होता है. इस कारण इन उत्पादों की कीमत राज्य में अपेक्षाकृत ज्यादा है, पर इसका लाभ उत्पादकों (ग्राम या वन वासियों) को नहीं मिलता है. ऐसे में यहीं की इमली व चिरौंजी करीब दोगुना महंगी बिक रही है. बगैर बीज की इमली 100 रुपये किलो बिकती है, जबकि खुले बाजार में बीज सहित पकी इमली 25-26 रुपये किलो मिलती है. उसी तरह जंगली फल पियार से निकले चिरौंजी बीज (ड्राइ फ्रूट) की खुदरा कीमत 600 से 900 रुपये प्रति किलो तक है, जबकि इसकी लागत चार सौ रुपये प्रति किलो तक है. अभी चिरौंजी बिहार, यूपी व छत्तीसगढ़ से प्रोसेसिंग होकर झारखंड आती है.
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