धर्मांतरण निषेध बिल शीघ्र पारित हो : मेघा उरांव

रांची : झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा है कि धर्मांतरण का मुद्दा पुराना है. यह मुद्दा कार्तिक उरांव के समय से उठता रहा है़ यदि धर्मांतरण निषेध बिल पारित हो जाता है, तो निश्चित रूप से धर्मांतरण पर अंकुश लगेगा़ आदिवासी आस्था, विश्वास, धर्म और समाज को ठेस पहुंचाने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 6, 2017 8:39 AM
रांची : झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा है कि धर्मांतरण का मुद्दा पुराना है. यह मुद्दा कार्तिक उरांव के समय से उठता रहा है़ यदि धर्मांतरण निषेध बिल पारित हो जाता है, तो निश्चित रूप से धर्मांतरण पर अंकुश लगेगा़ आदिवासी आस्था, विश्वास, धर्म और समाज को ठेस पहुंचाने का जितना काम चर्च के लोगों ने किया है, उतना किसी दूसरे ने नहीं किया. कुछ संगठन के लोग धर्मांतरण निषेध बिल लाने से पहले सरना कोड की मांग कर रहे है़ सरना-ईसाई भाई-भाई कहने वालों को सरना धर्म कोड की क्या आवश्यकता है?
उन्होंने कहा कि आदिवासियों के धर्म, आस्था व विश्वास की रक्षा के लिए राज्य सरकार पहल कर रही है. सरना-मसना की घेराबंदी, जाति प्रमाण पत्र में सरना धर्म को स्थान, मानकी-मुंडा, पाहनों के लिए मानदेय का प्रावधान, सरहुल पूजा महोत्वस में पुष्प वर्षा कराना, आदिवासी विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण आदि इसके उदाहरण हैं.

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