आबादी की ओर बढ़ रही खदान की आग
खलारी के करकट्टा स्थित बंद केडीएच पैच के कोयला खदान में वर्षों से लगी आग तेजी से आबादी की ओर बढ़ रही है.
प्रतिनिधि, खलारी.
खलारी के करकट्टा स्थित बंद केडीएच पैच के कोयला खदान में वर्षों से लगी आग तेजी से आबादी की ओर बढ़ रही है. जिससे लोगों में भय व डर बना हुआ है. बंद खदान में इन दिनों आग की बड़ी सुरंग बन गयी है. आसपास की धरती में बड़ी दरारें आ गयी हैं. वहीं खुले व भूमिगत बंद खदान से निकलने वाले दमघोंटू धुआं और गैस लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. गौरतलब हो कि करकट्टा स्थित बंद केडीएच पैच के कोयला खदान में पिछले पांच साल से आग की लपटें दिखायी दे रही हैं. परंतु इन दिनों वहां आग की बड़ी गुफा बन गयी है. आग से करकट्टा व खिलानधौड़ा बस्ती कभी भी जमींदोज हो सकता है. सीसीएल के बंद पैच खदान और आसपास के कोयला खदानों में पिछले एक दशक से आग लगी हुई है. आग का दायरा लगभग दो किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में फैला है. आग की लपटें कोयले की सिम (चट्टानों) सहित जंगलों को तेजी से राख में तब्दील कर रहा है. इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. बावजूद सीसीएल प्रबंधन आग को बुझाने को लेकर कोई पहल नहीं कर रहा है.बंद खदान से लगातार निकल रहा गैस :
करकट्टा स्थित बंद केडीएच पैच के कोयला खदान में आग की लपटें जमीन फाड़ते हुए जंगल से आबादी की ओर बढ़ती जा रही है. वहां से निकल रहे अनजान गैस काफी बढ़ गया है. बंद भूमिगत खदान से भी लगातार जहरीला धुआं निकल रहा है, जिसके कारण पूरे वातवरण में खुल रही दमघोटू धुआं नजदीक के घरों तक पहुंच रहा है. इस कारण लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं.सीसीएल प्रबंधन व राज्य सरकार के अफसर ले चुके हैं जायजा :
करकट्टा में केडीएच पैच खदान वर्ष 2018-19 में खुली थी. वहां 12 से 13 माह खनन चलने के बाद जमीन क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण खदान बंद हो गयी. खदान बंद होने के बाद वहां आग पकड़ लिया. वर्ष 2022 फरबरी माह में आग का भयावह रूप ले लिया. जिसे लेकर पूर्व में सीसीएल प्रबंधन और राज्य सरकार के उच्च पदाधिकारी हालात का जायजा ले चुके हैं. खदान विस्तारीकरण के नाम पर प्रबंधन लोगों को विस्थापित करने का आश्वासन देता रहता है. लेकिन कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है. खदान में लगी आग से कभी भी जमींदोज हो सकता है. अगर समय रहते आबादी क्षेत्र को विस्थापन नीति के तहत खाली नहीं कराया गया तो एक बड़ी आबादी काल के गाल में समा सकता है.ग्रामीणों ने की विस्थापित कराने की मांग :
करकट्टा-विश्रामपुर एवं खिलानधौड़ा के ग्रामीणों ने सीसीएल प्रबंधन से करकट्टा स्थित बंद केडीएच पैच के कोयला खदान में लगी आग बुझाने व प्रभावितों को उचित मुआवजा देकर जल्द विस्थापित कराने की मांग की. कहा कि करकट्टा स्थित बंद खदान में दिन प्रतिदिन आग भयावह होता जा रहा है. खदान से निकल रहे दमघोंटू गैस से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर कर रहा है. कहा कि अब आंदोलन ही मात्र विकल्प है.क्या कह रहे हैं, स्थानीय जानकार लोग :
विस्थापित नेता विनय खलखो ने बताया कि करकट्टा में छह दशक पूर्व अंडरग्राउंड माइंस चल चुका है और उस पर बड़ी आबादी को बसा दिया गया. इसके बाद बिना प्लानिंग के खुली खदान खोल दी गयी. जिसका खामियाजा आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. बावजूद सीसीएल प्रबंधन ने न ही आग पर काबू पाया और न ही लोगों को विस्थापन कराया. उन्होंने कहा कि प्रबंधन विस्थापन करने के बजाय सिर्फ एक दशक से आश्वासन दे रहा है.तुमांग पंचायत के मुखिया संतोष कुमार महली ने कहा कि करकट्टा क्षेत्र का पूरा इलाका चौतरफा खदान से घिरता जा रहा है. उन्होंने सीसीएल प्रबंधन से आरआर पॉलिसी के तहत विस्थापन की मांग की. कहा कि वहां बंद खदान से निकल रहे अनजान गैस लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है. बावजूद सीसीएल प्रबंधन के उदासीन रवैया है.विश्रामपुर की मुखिया दीपमाला कुमारी ने बताया कि अंडरग्राउंड माइंस के ऊपर बसा करकट्टा-विश्रामपुर के इलाकों में दर्जनों जगहों पर पूर्व में भू-धंसान हो चुका है. ग्रामीण वर्षों से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. बावजूद प्रबंधन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है.
करकट्टा की मेनका सिंह बताती हैं कि एक दशक से ज्यादा समय से सुन रही हूं कि सीसीएल मुआवजा देकर ग्रामीणों को विस्थापित करेगी. पिछले 10 वर्षों में सीसीएल ने अब तक अनेकों बार घर की मापी कर चुकी है. परंतु अभी तक हमलोगों को न तो मुआवजा मिला और न ही विस्थापित किया गया.केडीएच पैच के बंद खदान में बनी आग की गुफा
04 खलारी01:-केडीएच पैच के बंद खदान से धधक रही आग.
04 खलारी02:-करकट्टा स्थित बंद खदान की धरती में पड़ा दरार.
04 खलारी03:-विनय खलखो
04 खलारी04:- दीपमाला कुमारी.
04 खलारी05:- मेनका सिंह.
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